कांग्रेस में और चौड़ी हुई गुटबाजी की खाई: पीसीसी चीफ बैज ने पायलट से की विधायक देवेंद्र यादव की शिकायत

पीसीसी चीफ दीपक बैज और विधायक देवेंद्र यादव
चन्द्रकान्त शुक्ला- रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सचिन पायलट के दौरे ने प्रदेश छत्तीसगढ़ कांग्रेस में गुबटबाजी की खाई को और चौड़ी कर दी है। बैठक में प्रदेश प्रभारी की मौजूदगी में ही पूर्व सीएम ने पीसीसी चीफ और नेता प्रतिपक्ष पर आरोपों की झड़ी लगाई। कुछ और नेताओं ने भी इसी अंदाज में अपनी बात रखी। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि, प्रदेश प्रभारी की मौजूदगी में हुई पालिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक हंगामेदार रही। वहीं विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बैठक के बाद पीसीसी चीफ दीपक बैज ने भिलाई विधायक देवेंद्र यादव की शिकायत सचिन पायलट से की है।
सुत्रों के मुताबिक, पालिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक के दौरान विधायक देवेंद्र यादव पहली पंक्ति में पूरे समय बैठे रहे। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, यह बात भी पीसीसी चीफ को नागवार गुजरी। इसके अलावा श्री बैज ने पायलट से विधायक देवेंद्र यादव द्वारा दिल्ली में प्रेस कान्फ्रेंस करने को लेकर भी शिकायत की। श्री बैज ने कहा कि, यादव ने पीसीसी को सूचना दिए बगैर ही दिल्ली में प्रेस कान्फ्रेंस ली। यहां तक कि, प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान यादव पर अपना नाम तक नहीं लेने की बात भी कही।
उल्लेखनीय है कि, बैठक में कांग्रेस नेताओं के बीच गुटबाजी साफ तौर पर उभरी। पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने तो बैठक में यहां तक कहा कि, पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री पर सीधा हमला करने से बचते रहते हैं। वे राज्य के मुद्दों और सरकार के खिलाफ सीधा हमला नहीं करते। ऐसे में जनता के बीच हम अपनी मजबूत मौजूदगी कैसे दर्ज कराएंगे? मीडिया में बयान देना हो या फिर सोशल मीडिया पर कुछ लिखना या सड़क पर मुखर होकर उतरना या सदन में घेरना, कुछ नेता ऐसे हैं जो बडे मौकों पर शांत रह जाते हैं, साधारण तरीके से विरोध दर्ज कराते हैं। अगर हमें जनहित के मुद्दों पर लड़ना है, राज्य सरकार के खिलाफ लड़ना है, तो सीधे सरकार को, मुख्यमंत्री को टारगेट करना होगा। अनुशासनहीनता के मामले में कोई कार्रवाई नहीं होती। राजनांदगांव में एक नेता ने मेरे खिलाफ बयान दिया, उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सीनियर नेताओं की पूछ परख नहीं
वहीं बैठक के दौरान कुछ सीनियर नेताओं इस बात को लेकर भी नाराजगी जताई कि उन्हें तो किसी तरह की जिम्मेदारी ही नहीं दी जा रही है। पार्टी को सीनियर नेताओं के अनुभवों का लाभ लेना चाहिए, लेकिन देखने में यह मिल रहा है कि सीनियर नेताओं की ठीक से पूछ-परख नहीं हो रही है। ऐसे में समन्वय कैसे बनेगा?
बैज ने दी सफाई
भूपेश की टिप्पणी के बाद पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने भी अपनी ओर से सफाई देते हुए कहा, अपने ही मामले में कार्रवाई करना सही नहीं है। पार्टी में भी अनुशासन बनाए रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अनुशासनहीनता पर कार्यवाही होती है, वहीं कार्यकर्ताओं को भी संभालना होता है।
