लापरवाही पर एक्शन: एयर एंबुलेंस में मरीज को बगैर डॉक्टर- ऑक्सीजन भेजा, एमएमआई का लाइसेंस रद्द करने नोटिस

लापरवाही पर एक्शन : एयर एंबुलेंस में मरीज को बगैर डॉक्टर- ऑक्सीजन भेजा, एमएमआई का लाइसेंस रद्द करने नोटिस
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नारायणा हृदयालय एमएमआई अस्पताल (फाइल फोटो)

राजधानी के लालपुर स्थित नारायणा हृदयालय एमएमआई अस्पताल के लाइसेंस निरस्त करने कलेक्टर ने नोटिस जारी कर तगड़ा जुर्माना भी ठोका है।

रायपुर। राजधानी के लालपुर स्थित नारायणा हृदयालय एमएमआई अस्पताल के लाइसेंस निरस्त करने कलेक्टर ने नोटिस जारी कर तगड़ा जुर्माना भी ठोका है। मामला एक महिला मरीज के इलाज के लिए लाखों रुपए वसूलने तथा लापरवाही के कारण जान जाने से जुड़ा हुआ है। बीते वर्ष सितंबर में भारती देवी नामक महिला मरीज को उनके परिजन इलाज के लिए एमएमआई लेकर आए थे। लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी जब महिला की स्थिति नहीं सुधरी तो उन्हें एयर एंबुलेंस के जरिए हैदराबाद ले जाने का निर्णय लिया गया, लेकिन इस एयर एंबुलेंस में ना तो डॉक्टर थे और ना ही वेंटिलेंटर या ऑक्सीजन जैसी बेसिक सुविधाएं थी। इस लापरवाही के कारण महिला की जान चली गई थी।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग की उच्च स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद राज्य सरकार ने अस्पताल के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही के निर्देश दिए थे। आखिरकार, लंबे इंतजार के बाद कलेक्टर से भी इस अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करने के नोटिस पर प्रशासनिक मुहर लग गई है। एक माह के नोटिस के साथ एमएमआई अस्पताल का लाइसेंस निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है। अस्पताल प्रबंधन को 30 दिनों के भीतर जवाब देना होगा। इसके बाद यहां भर्ती मरीजों और चिकित्सकों को नया ठिकाना ढूंढना पड़ सकता है।

परिजनों ने की थी शिकायत
12 सितंबर 2024 को मौत के बाद महिला के परिजनों ने वीडियो भी जारी किए थे। इसमें उन्होंने परिजनों ने की थी शिकायत 12 सितंबर 2024 को मौत के बाद महिला के परिजनों ने वीडियो र भी जारी किए थे। इसमें उन्होंने जांच समिति को सौंपा गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में मरीज को बिना डॉक्टर उपलब्ध कराए एंबुलेंस के जरिए हॉस्पिटल से एयरपोर्ट रवाना करने की बात स्वीकारी है। समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद कलेक्टर ने इसे बड़ी लापरवाही मानते हुए हॉस्पिटल का लाइसेंस सस्पेंड करने नोटिस देते हुए 30 दिन में जवाब मांगा है।

यह है मामला
महिला को स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए नारायणा हॉस्पिटल में 2 सितंबर को एडमिट कराया था। लाखों रूपए इलाज के लिए जमा करने के बाद भी जब महिला की स्थिति नहीं संभली तो चिकित्सकों ने 12 सितंबर को एयर एंबुलेंस के जरिए हैदराबाद रेफर करने की सलाह दी। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा 7 लाख की अतिरिक्त राशि वसुली गई। हैरानी की बात यह है कि उक्त एयर एंबुलेंस में ना तो डॉक्टर मौजूद था और ना ही जीवन रक्षक मेडिकल उपकरण। एयर एंबुलेंस में वेंटिलेटर भी नहीं था। मरीज के साथ उनके परिजन भी विमान में सवालर थे। टेकऑफ होने के बाद कुछ चक्कर लगाकर विमान पुनः रनवे में उतर गया था। इस दौरान महिला मरीज की मौत हो गई।



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