ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने की पहल: एयरटेल के फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम से छत्तीसगढ में लाखों यूजर्स को फ्रॉड से बचाने का दावा

एयरटेल के फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम से छत्तीसगढ में लाखों यूजर्स को फ्रॉड से बचाने का दावा
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एआई-आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम के माध्यम से एयरटेल ने छत्तीसगढ में मात्र 55 दिनों के भीतर 60 लाख से अधिक यूज़र्स को सफलतापूर्वक ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाया है।

रायपुर। भारत की अग्रणी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल ने छत्तीसगढ़ में बढ़ती ऑनलाइन धोखाधड़ी के ख़िलाफ़ अपने मिशन में उल्लेखनीय प्रगति की घोषणा की है। देशभर में एआई-आधारित फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम के लॉन्च के तहत एयरटेल ने छत्तीसगढ में मात्र 55 दिनों के भीतर 60 लाख से अधिक यूज़र्स को सफलतापूर्वक ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाया है।

यह अत्याधुनिक सुरक्षा प्रणाली सभी एयरटेल मोबाइल और ब्रॉडबैंड ग्राहकों के लिए ऑटोमैटिक रूप से एक्टिवेट होती है। यह एसएमएस, व्हाट्सऐप, टेलीग्राम, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ईमेल और अन्य ब्राउज़र्स पर भेजे गए लिंक को स्कैन और फ़िल्टर करती है। यह तकनीक रियल टाइम थ्रेट इंटेलिजेंस (साइबर ख़तरों की तात्कालिक जानकारी) का इस्तेमाल करती है और रोज़ाना 1 अरब से ज़्यादा यूआरएल का विश्लेषण करती है। किसी भी खतरनाक साइट पर पहुंचने से पहले यह सिस्टम महज 100 मिलीसेकंड में उसे ब्लॉक कर देता है।

तुरंत सक्रिय होता है एयरटेल का एआई-सिस्टम
उदाहरण के लिए, अगर भिलाई का कोई निवासी यह संदिग्ध संदेश प्राप्त करता है: “आपका पार्सल डिले हो गया है। इसे ट्रैक करें: http://www.tracky0urparcell.com और वह व्यक्ति अगर बिना सत्यता जाने, उस लिंक पर क्लिक करता है, तो एयरटेल का एआई-सिस्टम तुरंत सक्रिय हो जाता है। यह उस लिंक को स्कैन करता है और अगर वह संदिग्ध पाया जाता है, तो साइट को ब्लॉक कर देता है। यूज़र को एक चेतावनी संदेश पर रीडायरेक्ट कर दिया जाता है, जिसमें लिखा होता है: “ब्लॉक कर दिया गया! एयरटेल ने इस साइट को ख़तरनाक पाया है!” यह पूरा प्रोसेस रियल टाइम में, एक पल में होता है। इसी तरह के त्वरित इंटरसेप्शन से हर तरह के ऑनलाइन धोखाधड़ी से यूज़र्स को बचाया जा रहा है।

हमें एक कदम आगे रहना होगा : अमरेश मिश्रा
इस पहल के बारे में अपने बयान में, अमरेश मिश्रा (आईपीएस), निदेशक ईओडब्ल्यू/एसीबी /पुलिस महानिरीक्षक, रायपुर-छत्तीसगढ़ ने कहा- जैसे-जैसे ऑनलाइन धोखाधड़ी बढ़ रही है, यह महत्वपूर्ण है कि, हम एक कदम आगे रहें। छत्तीसगढ़ में, हम साइबर अपराध से निपटने के लिए मजबूत कदम उठा रहे हैं। एयरटेल जैसी टेलीकॉम कंपनियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम नागरिकों की सुरक्षा में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

हम छत्तीसगढ़ के ग्रहकों को बचाने के लिए प्रतिबद्ध : रितेश अग्रवाल
इस पहल पर अपने विचार व्यक्त करते हुए, रितेश अग्रवाल, सीईओ – छत्तीसगढ़, भारती एयरटेल ने कहा, एयरटेल में हम छत्तीसगढ़ में बढ़ते ऑनलाइन धोखाधड़ी से अपने ग्राहकों को बचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हमारे एआई-संचालित फ्रॉड डिटेक्शन सॉल्यूशन के लॉन्च के साथ, हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर डिजिटल इंटरैक्शन सुरक्षित हो- सभी प्लेटफॉर्म पर और रियल टाइम में। यह सॉल्यूशन, जो हमारे नेटवर्क में एकीकृत है, बैकग्राउंड में चुपचाप काम करता है और यूज़र से किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं होती। हमारा समाधान नेटवर्क के भीतर ही सक्रिय सुरक्षा प्रदान करता है — वह भी ग्राहकों के लिए पूरी तरह नि:शुल्क। हमें छत्तीसगढ़ में इस प्रयास का नेतृत्व करने पर गर्व है, जो छात्रों और गृहिणियों से लेकर पेशेवरों और वरिष्ठ नागरिकों तक, सभी के लिए एक सुरक्षित और विश्वसनीय डिजिटल अनुभव प्रदान कर रहा है।

समाधान पूरे डिजिटल सुरक्षा कवच का काम करेगा
छत्तीसगढ को देश के सबसे अधिक डिजिटल रूप से विकसित राज्यों में गिना जाता है, लेकिन इसके साथ ही यहां ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं भी तेज़ी से बढ़ रही हैं -चाहे शहरी क्षेत्र हों या ग्रामीण। फ़्रॉड करने वाले अब फिशिंग लिंक, नकली डिलीवरी संदेश और जाली बैंक अलर्ट के ज़रिए लोगों को निशाना बना रहे हैं। रायपुर, बिलासपुर, भिलाई और दुर्ग जैसे शहर - साथ ही रायगढ़, राजनांदगांव, कोरबा, कवर्धा और मुंगेली जैसे ज़िलों में ऐसे मामलों में तेज़ उछाल देखा गया है। एयरटेल का यह समाधान पूरे राज्य के लिए एक डिजिटल सुरक्षा कवच का कार्य करता है - परिवारों, बुज़ुर्गों, गृहणियों, छात्रों और पहली बार स्मार्टफोन इस्तेमाल कर रहे यूज़र्स तक को साइबर अपराध से बचा रहा है।

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