अब पुरानी गाड़ी बेचना भी महंगा सौदा: हर बार नाम ट्रांसफर पर लगेगी फीस, देना होगा आधा से एक फीसदी शुल्क

अब पुरानी गाड़ी बेचना भी महंगा सौदा : हर बार नाम ट्रांसफर पर लगेगी फीस, देना होगा आधा से एक फीसदी शुल्क
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छत्तीसगढ़ में अब पुरानी गाड़ियां बेचना भी गाड़ी मालिकों के लिए महंगा सौदा बनने जा रहा है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब पुरानी गाड़ियां बेचना भी गाड़ी मालिकों के लिए महंगा सौदा बनने जा रहा है। दरअसल, सरकार ने अब ये नियम बना लिया है कि किसी भी गाड़ी की बिक्री पर होने वाले नाम ट्रांसफर पर गैर परिवहन यान के लिए पंजीयन के समय वाहन के मूल्य की एक प्रतिशत राशि देनी होगी। परिवहन यान (माल वाहकों) के लिए यही शुल्क आधा प्रतिशत लगेगा।

कंस्ट्रक्शन संबंधी वाहन का टैक्स लगेगा लाइफटाइम
इसी संशोधन के तहत कंस्ट्रक्शन इक्युपमेंट श्रेणी के वाहनों की टैक्स व्यवस्था में बदलाव किया गया है। इसके तहत इन वाहनों से मासिक या त्रैमासिक टैक्स लिया जाता था, इसकी जगह अब गाड़ी के पंजीयन के समय ही लाइफटाइम टैक्स देना पड़ेगा। यही नहीं अगर इस प्रकार के वाहनों के मालिकाना हक बदला गया या बेचा गया तो एक बार फिर मानक पंजीयन मूल्य का आधा प्रतिशत के बराबर शुल्क मालिक को अदा करना पड़ेगा। इस तरह के वाहनों या इक्युमेंट के लिए सरकार ने नई परिभाषा भी तय की है। इसमें लोडर, डंपर, मोबाइल क्रेन, बेकहो लोडर, का काम करने वाले वाहन और इसी तरह के कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े उपकरणों, मशीनों पर भी यह नियम लागू होगा।

सरकार ने बनाया नया नियम
भरेगा खजाना राज्य सरकार ने यह बदलाव लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान नियम विधेयक 2025 बनाकर विधानसभा से पारित करवाया है। यही नहीं राज्य सरकार ने कंस्ट्रक्शन के काम से जुड़े वाहनों के लिए भी नियम बदला है। पहले तो सरकार ने कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट श्रेणी के वाहनों की परिभाषा तय कर उनका वर्गीकरण किया है। इसके साथ ही इस तरह के सभी वाहनों से लिए जाने वाले मासिक या त्रैमासिक टैक्स की जगह लाइफटाइम टैक्स लेने की तैयारी भी कर ली है। खास बात ये है कि ये दोनों बदलाव परिवहन विभाग के माध्यम से राज्य सरकार का खजाना भरने वाले हैं।

गाड़ी जितनी बार बिकेगी सरकार को मिलेगा पैसा
राज्य सरकार द्वारा वाहनों के अंतरण (ट्रांसफर) के लिए जो शुल्क लगाया जा रहा है उसके विश्लेषण से ये बात सामने आ रही है एक गाड़ी का पहली बार पंजीयन होने के समय वाहन के मानक मूल्य के हिसाब से राशि मिलेगी। इसके बाद यही गाड़ी आगे जितनी बार बिकेगी, हर बार पंजीयन के समय वाहन के मानक मूल्य की एक प्रतिशत राशि मालिक को देनी पड़ेगी। जैसे अगर कोई कार दस लाख रुपए की है और वह अगली बार जैसे ही बिकेगी या नाम ट्रांसफर होगा तो उसके पंजीयन के मानक मूल्य की एक प्रतिशत राशि यानी 10 हजार रुपए फीस परिवहन विभाग को देनी पड़ेगी। यही गाड़ी जितनी बार बिकती जाएगी, सरकार के खजाने में एक प्रतिशत की दर से राशि आती जाएगी। इसी तरह परिवहन यान के लिए यह राशि आधा प्रतिशत यानी 0.5 प्रतिशत लगेगी।

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