और वह बच गई बालिका वधू बनने से : उरला में प्रशासन की टीम ने दी दबिश, बाल विवाह होने से रोका

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में स्थित उरला क्षेत्र में महिला और बाल विकास विभाग ने बाल विवाह को रोका है। महिला औऱ बाल विकास विभाग रायपुर के दिशा-निर्देशानुसार जिला कार्यक्रम अधिकारी सुश्री शैल ठाकुर और जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्रीमती रश्मि बाला तिवारी के मार्गदर्शन में सोमवार 28 अप्रैल को उरला थाना क्षेत्र से प्राप्त बाल विवाह की सूचना पर त्वरित कार्रवाई की गई है। सेक्टर पर्यवेक्षक सह बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी द्वारा विवाह स्थल पर पहुंचकर बालिका के माता-पिता से आयु संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा गया।
जिसके बाद दस्तावेज उपलब्ध न कराए जाने की स्थिति में शासकीय विद्यालय के नामांकन खारिज रजिस्टर का अवलोकन किया गया। जिसमें बालिका की आयु 18 वर्ष से कम पाई गई।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत रोका गया बाल विवाह
बालिका की आयु 18 वर्ष से कम पाए जाने पर इस स्थिति में, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह को रोका गया। बालिका की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने तक विवाह न करने के संबंध में माता-पिता को विधिक जानकारी प्रदान की गई। इसके साथ ही, पार्षद और स्थानीय गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में सहमति-पत्र और पंचनामा तैयार किया गया, जिस पर बालिका के माता-पिता और उपस्थित जनसमुदाय के हस्ताक्षर लिए गए।
