रातभर धरनास्थल पर डटे रहे ग्रामीण : सीएएफ कैंप न हटाने की मांग पर अड़े, बोले- कैंप हटने से बढ़ेगी हमारी मुसीबतें 

Villagers sitting on protest site
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धरनास्थल पर बैठे ग्रामीण
पुलिस ने जब गांव में लगे कैंप को हटाने की कार्रवाई शुरू की तो ग्रामीण इसके विरोध में उतर आए। ऐसा पहली बार हो रहा है जब ग्रामीण कैंप हटाने का विरोध कर रहे हैं।

गौरव श्रीवास्तव- कांकेर। पुलिस ने जब गांव में लगे कैंप को हटाने की कार्रवाई शुरू की तो ग्रामीण इसके विरोध में उतर आए। ऐसा पहली बार हो रहा है जब ग्रामीण कैंप हटाने का विरोध कर रहे हैं। इससे पहले जिस भी गांव में कैंप लगाया जाता था तो ग्रामीण कैंप लगाने का विरोध करते थे। ग्रामीण देर रात भी अपने घर नहीं लौटे और धरनास्थल पर ही डटे रहे।

उल्लेखनीय है कि, कांकेर जिले के दुर्गुकोंदल ब्लॉक का जाड़ेकुर्से गांव जो जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर है, पुलिस ने वहां पर लगे सीएए कैंप तो हटाने का फैसला लिया है। पुलिस का कहना है कि, लंबे समय से गांव में जवानों की मौजूदगी और लगातर किए गए सर्च ऑपरेशन के चलते अब इस गांव में नक्सलियों का प्रभाव खत्म हो गया है तो यहां पर कैंप की जरूरत नहीं है।

ग्रामीणों में नक्सलियों की वापसी का डर

जबकि, ग्रामीणों का कहना है कि, कैंप हटने से गांव में दोबारा नक्सली हमले का खतरा है। अगर नक्सलियों की वापसी हुई तो फिर एक बार हमें दहशत के साये में जीना होगा। इसलिए ग्रामीणों ने कैंप के पास एकत्रित होकर आंदोलन शुरू कर दिया। शनिवार सुबह से ग्रामीण डटे रहे।

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रातभर धरनास्थल पर डटे रहे ग्रामीण

देर रात भी वे अपने घर नहीं लौटे और धरनास्थल (खुले मैदान) में रात बिताया। ग्रामीणों की मांग है कि, कैंप न हटाया जाए और गांव में जवानों की तैनाती रहे।

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