जनजातीय गौरव दिवस : सांस्कृतिक महोत्सव में शामिल होने पहुंचीं अरूणाचल, उत्तराखण्ड, तेलंगाना, राजस्थान और सिक्किम की टीमें

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सांस्कृतिक महोत्सव में शामिल होने पहुंचीं सिक्किम की टीमें
रायपुर में इस वर्ष भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस का राज्य स्तरीय, आयोजन बड़े पैमाने पर मनाया जाएगा।

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इस वर्ष भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर जनजातीय गौरव दिवस का राज्य स्तरीय आयोजन बड़े पैमाने पर मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री साय के मार्गदर्शन में 14 और 15 नवंबर को रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में यह भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

17 राज्यों के आदिवासी नर्तक दल अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से जनजातीय गौरव का उत्सव मनाएंगे। देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले ये आदिवासी नर्तक दल अपने-अपने क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करेंगे। आज अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, तेलंगाना, राजस्थान और सिक्किम के नर्तक दल रायपुर पहुंच चुके हैं।

Cultural festival

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण जनजातीय जीवन शैली होगा

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण अंतर्राज्यीय लोक नर्तक दलों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी, जो प्रतिदिन शाम 3 बजे से शुरू होंगी। इन प्रस्तुतियों के साथ ही जनजातीय गौरव से जुड़े विषयों पर संगोष्ठी और जनजातीय जीवन शैली को दर्शाती चित्रकला का प्रदर्शन भी किया जाएगा। अरुणाचल प्रदेश का नर्तक दल "आदिलोक नृत्य नाटिका," उत्तराखंड का दल "झींझी, होली, हन्ना और दिया नृत्य," तेलंगाना का दल "माथुरी जनजाति नृत्य," राजस्थान का दल "वालर गरासिया गैर नृत्य," और सिक्किम का दल "सुब्बा लोक नृत्य नाटिका" प्रस्तुत करेगा।

आयोजन का उद्देश्य जनजातीय संस्कृति के बारे में जागरूक

इस आयोजन का उद्देश्य जनजातीय संस्कृति, परंपराओं और जीवनशैली को सम्मान और पहचान देना है, जिससे सभी वर्गों को जनजातीय समुदायों के गौरवशाली अतीत और उनकी विशिष्ट धरोहर के बारे में जागरूकता मिल सके।

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