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रायपुर लोकसभा सीट के लिए पर्चा भरने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों में कोई किराना व्यापारी, कोई समाज सेवा तो कोई कृषि मजदूरी का काम करता है।

लक्ष्मण लेखवानी - रायपुर।  रायपुर लोकसभा में 44 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं। इनमें से कई ऐसे हैं, जिन्होंने पांच साल तक फार्म खरीदने के लिए पैसे जमा किए हैं। कुछ ऐसे हैं जो केवल आम आदमी की ताकत और उसके अधिकार जताने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। और कुछ... वे केवल मनोरंजन के लिए। कहते हैं इस गर्मी में कौन मेहनत करेगा। हम केवल मनोरंजन के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। टाइम अच्छा पास हो जाता है। रायपुर लोकसभा सीट के लिए पर्चा भरने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों में कोई किराना व्यापारी, कोई समाज सेवा तो कोई कृषि मजदूरी का काम करता है।

समाज सेवा करना उद्देश्य

नहरपारा विधानसभा रोड निवासी राधेश्वरी गायकवाड़ समाज सेविका की है। बीएससी की पढ़ाई कर चुकी रोधश्वरी दूसरी बार चुनाव लड़ रही है। इससे पहले वह हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव लड़ी थी, जिसमें उसे 127 वोट मिले थे। उन्होंने कहा कि उसे जरूरतमंद लोगों की मदद करना बहुत अच्छा लगता है, इसलिए राजनीति में आना उसका सपना है। अगर वह सांसद बनती है, तो सरकार की सारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति को मिले, यह उसकी प्राथमिकता में होगा।

दो बार लड़ा है विधानसभा चुना

किराना व्यापारी बोधनलाल फरिकार अभनपुर का रहने वाला है। वह बीए स्नातक के साथ एक एनजीओ से भी जुड़ा हुआ है। फरिकार ने बताया कि वह दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुका है। इन चुनाव में अधिकतम उसे 209 वोट मिले हैं, फिर भी वह लोकसभा चुनाव लड़ रहा है। उसने बताया कि उसके अंदर कुछ करने का जोश, जुनून व जज्बा तीनों है। उसका मानना है कि आजादी के बाद जो संविधान देश में लागू हुआ, उसका पालन नहीं हो रहा है। अगर वह जीत गये तो उसका पहला लक्ष्य यही होगा कि संविधान के सभी बिंदुओं को देश में पालन हो। इसके लिए संसद में आवाज उठाएंगे।

मनोरंजन के लिए लड़ रहे चुनाव

चुनाव में हर कोई जीत का इरादे लिये उतरता है, लेकिन लोकसभा चुनाव में एक ऐसा निर्दलीय उम्मीदवार भी है जो सिर्फ मनोरंजन के लिए चुनाव लड़ता है। उसे चुनाव के परिणाम से कोई मतलब नहीं है। इस उम्मीदवार का नाम रामकृष्ण वर्मा है जो मंदिर हसौद तहसील आरंग का निवासी है। कृषि मजदूरी का कार्य करने वाला रामकृष्ण ने बताया कि वह चौथी बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। पहले तीन चुनाव में अधिकतम उसे 2 हजार वोट मिले। चुनाव के लिए वह हर बार पांच साल में रुपये जोड़ता है और फिर उसी रुपये से पर्चा भरकर चुनाव लड़ता है। उसने बताया कि गर्मी के दिनों में काम-काज बंद रहता है. इसलिए चुनाव लड़कर वह अपना मनोरंजन करता है।

गरीब वर्ग के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा

रायपुर की कुंदरापारा बैरनबाजार निवासी नंदिनी नायक ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव के लिए नामांकन भरा है। 5वीं क्लास तक पढ़ाई करने वाली नंदिनी अपने पति व तीन बच्चों के साथ रहती है। नंदिनी का पति ऑटो चालक है और खुद गृहिणी के साथ समाज सेवा के कार्य में आगे रहती है। हर महीने मुश्किल से अपना परिवार चलाने वाली नंदिनी ने बताया कि वह पहली बार चुनाव लड़ रही है। गरीब वर्ग के लोगों के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा रखती है। उन्होंने कहा कि वो जानती है कि चुनाव में प्रचार-प्रसार में लाखों रुपये खर्च होते हैं, लेकिन वह बिना पैसे खर्च किए चुनाव में जीत हासिल करने दमखम लगाएगी।

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