खेत में पहुंचे सीएम साय : केला और पपीते की खेती को सराहा, बोले- धान के अलावा दूसरे लाभप्रद फसलों को अपनाएं किसान

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय किसान रोहित साहू के खेत में पहुंचे
छत्तीसगढ़ में चल रहे सुशासन तिहार के तहत मुख्यमंत्री मंगलवार को बेमेतरा जिले के सहसपुर गांव पहुंचे। यहां वे उत्कृष्ट किसान रोहित साहू के खेतों में गए। 

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मंगलवार 6 मई को सुशासन तिहार के तहत औचक निरीक्षण पर बेमेतरा जिले के ग्राम सहसपुर पहुंचे। इस दौरान वे सहसपुर ग्राम के उत्कृष्ट किसान रोहित साहू के खेत में भी पहुंचे। मुख्यमंत्री को श्री साहू ने बताया कि, वे पिछले 9 साल से केला और पपीता की खेती कर रहे हैं, जिससे वे लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं और 15-20 लोगों को अपने खेत में रोजगार भी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री साय को कृषक श्री साहू ने अपने खेत के ताजे केला और पपीता भेंट किये। मुख्यमंत्री को उन्होंने बताया कि, वे 5 एकड़ में केला और साढ़े तीन एकड़ में पपीता की खेती कर रहे हैं। जिससे वे केले से प्रति एकड़ डेढ़ लाख रुपये व पपीता से 1 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा रहे हैं।

धान से हो रहा ज्यादा मुनाफा
मुख्यमंत्री को श्री साहू ने बताया कि, केला और पपीता की खेती से वे धान के मुकाबले अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि धान के अतिरिक्त अन्य लाभप्रद फसलों की ओर भी किसानों को बढ़ने की जरूरत है। छत्तीसगढ़ की मिट्टी बहुत उर्वरा है। इस तरह किसान कृषि से और लाभ कमा पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कृषक श्री साहू की सराहना करते हए कहा कि उनकी खेती सभी किसानों के लिए प्रेरणादायी है।

CM Vishnu Deo Sai made a surprise inspection of Ayushman Arogya Mandir
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आयुष्मान आरोग्य मंदिर का औचक निरीक्षण किया

आयुष्मान आरोग्य मंदिर का किया निरीक्षण
सहसपुर ग्राम पंचायत स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर का औचक निरीक्षण किया। बिना पूर्व सूचना के पहुंचे मुख्यमंत्री ने केंद्र में उपलब्ध चिकित्सा सुविधाओं का जायजा लिया और वहां इलाज करा रहे मरीजों से सीधे संवाद कर उनकी स्थिति जानी। मुख्यमंत्री ने मितानिन दीदियों से चर्चा करते हुए संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सुरक्षित मातृत्व और नवजात के स्वास्थ्य के लिए यह आवश्यक है कि सभी प्रसव स्वास्थ्य संस्थानों में हों। मितानिनों को गांव-गांव जाकर महिलाओं को जागरूक करने और उन्हें अस्पताल में प्रसव के लिए प्रोत्साहित करने को कहा गया।

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