गजब का आक्रोश : नौकरी, मुआवजा और मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर ग्रामीणों ने भूमिगत खदान कराया बंद

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धरना-प्रदर्शन करते हुए
सूरजपुर जिले के रेहर गायत्री भूमिगत खदान में सैकड़ों ग्रामीणों ने खदान का संचालन पूरी तरह ठप कर दिया। मुख्य द्वार पर भारी संख्या में पुरुषों-महिलाओं ने बैठकर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया।

नौशाद अहमद - सूरजपुर। सूरजपुर जिले के रेहर गायत्री भूमिगत खदान में 28 अप्रैल, रविवार को गेतरा, मानी, पोड़ी और जोबगा गांवों के सैकड़ों ग्रामीणों ने खदान का संचालन पूरी तरह ठप कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि वर्ष 1997 में जमीन अधिग्रहण के बाद भी उन्हें आज तक न तो नौकरी मिली है और न ही पूरा मुआवजा। इसके अलावा, मूलभूत सुविधाओं की भी भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने साफ शब्दों में चेताया कि, जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक खदान को बंद रखा जाएगा और आंदोलन जारी रहेगा। खदान के मुख्य द्वार पर भारी संख्या में पुरुषों और महिलाओं ने बैठकर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। जिससे एसईसीएल प्रबंधन को लाखों रुपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

तहसीलदार समीर शर्मा मौके पर पहुंचे

स्थिति को संभालने पहुंचे सूरजपुर के तहसीलदार समीर शर्मा ने बताया कि ग्रामीण अपनी जायज मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। प्रशासन एसईसीएल प्रबंधन से बातचीत कर जल्द ही इस मुद्दे का समाधान निकालने की कोशिश करेगा।

ग्रामीणों का आक्रोश स्पष्ट

धरने पर बैठे ग्रामीणों ने कहा कि वर्षों से वे अपनी जमीन खो चुके हैं, लेकिन अब तक न रोजगार मिला है, न विकास कार्य। महिलाओं ने भी खुलकर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि वे बुनियादी सुविधाओं के बिना जीने को मजबूर हैं। प्रशासन का दावा है कि वे जल्द ही इस मामले को गंभीरता से लेकर ग्रामीणों की मांगों का हल निकालेंगे।

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