सारंगगढ़ लोकसभा : चुनावी माहौल के बीच गायब हुआ रेल लाइन का मुद्दा, बीजेपी और कांग्रेस दोनों शांत 

Sarangarh Collector Office
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सारंगढ़ कलेक्टर कार्यालय
सारंगढ़ में चुनावी माहौल के बीच रेल परियोजना का मुद्दा गायब है। 310 किलोमीटर लंबी मंजूर हुई रेल लाइन की फाइल अभी तक धूल खा रही है।

देवराज दीपक-सारंगढ़। छत्तीसगढ़ में बिलाईगढ़ जिले के सारंगढ़ में चुनावी माहौल के बीच रेल परियोजना का मुद्दा गायब है। बिना शोरगुल के हो रहे लोकसभा चुनाव में इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार इसको पूरा करने का दावा करने से बच रहे हैं। यह महत्वपूर्ण मुद्दा अब सिर्फ सोशल मीडिया में आरोप प्रत्यारोप के रूप में ही चर्चा में है। भाजपा इस भाषणात्मक मुद्दे पर रक्षात्मक रवैया अपनाए हुई है। वहीं कांग्रेस के हाथ से यह महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दा फिसलने की कगार पर है।

सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला रायगढ़ लोकसभा सीट तथा जांजगीर लोकसभा सीट में आता है। दोनों की लोकसभा सीट एक और अनुसूचित जाती और अजजा वर्ग के लिए आरक्षित है। दोनों की सीट पर मुख्य चुनावी मुद्दा रेल सुविधा का हो सकता है। किंतु आज तक ना तो बैनर पोस्टर लगा है और ना ही कोई रैली या सभा हुई है। नुक्कड़ सभा के दम पर लोकसभा चुनाव को फतह करने का दावा दोनों ही दल कर रहे हैं। जबकि एक माह भी मतदान के लिए नहीं बचा है। वहीं अभी तक चुनावी रंग में अंचल रंगा नहीं है। सत्ताधारी दल भाजपा चुनाव के पहले ही अपनी जीत सुनिश्चित मानकर चल रही है। तो वहीं कांग्रेस अपनी बढ़त को कायम रखने के लिए चुनावी मैदान मे लगा हुआ है। ऐसे में बिना शोरगुल के हो रहे लोकसभा चुनाव में अभी सिर्फ और सिर्फ सोशल मीडिया में ही चुनावी दौर चल रहा है।

चौराहा
चौराहा

310 किलोमीटर रेल लाइन का मुद्दा गायब

सारंगढ़ अंचल के लिए लोकसभा चुनाव में इस बार रेल परियोजना एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनने की ओर अग्रसर था। लेकिन मतदान के लिए बचे एक माह से भी कम समय में भाजपा ने बड़ी चालाकी से इस मुद्दे से मुंह मोड़ लिया है। वहीं कांग्रेस इस महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दे को अभी तक भूना नहीं पाई है। जबकि गत 10 वर्ष से रायगढ़ लोकसभा और जांजगीर लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद हैं। राज्य में भाजपा की सरकार है और ऐसे में 2014 में स्वीकृत हो चुके रायपुर बलौदाबाजार, सारंगढ़ और झारसुगुड़ा के लिए 310 किलोमीटर लंबी रेल लाइन मंजूर हुआ था। लोकसभा चुनाव में भाजपा ना वादा कर रही है और कांग्रेस ना ही इस मुद्दे पर भाजपा उम्मीदवार को घेरने का प्रयास कर रही है।

यहां बिछनी हैं रेल लाइन

इस सीट पर 7 मई को मतदान होना है। मतदान के लगभग माह भर पहले तक सारंगढ़ अंचल में रेल परियोजना को लेकर कोई चुनावी माहौल नहीं बना है।2014 मे स्वीकृत हो चुके रायपुर, बलौदा बाजार, भटगांव, सरसीवा, सारंगढ़, बरमकेला, सरिया, झारसुगुड़ा रेल लाइन लगभग 310 किलोमीटर लंबी रेल लाइन है। जिसकी अनुमानित लागत लगभग 2163 करोड रुपए आंकी गई थी। वर्ष 2016 में इस रेल लाइन के लिए डीपीआर बनाई जाने के लिए निविदा आमंत्रित करने के बाद से यह फाइल मंत्रालय में धूल खा रहा है।

दोनों की पार्टियों के पास से यह मुद्दा गायब

सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला के दो विधानसभा बिलाईगढ़ विधानसभा और सारंगढ़ विधानसभा, रायगढ़ और जांजगीर लोकसभा सीट से बिलाईगढ़ अंचल और सारंगढ़ अंचल के लिए विकास का मिल साबित होने वाला है। इस रेल परियोजना के लिए भाजपा इस मुद्दे पर कन्नी काटता दिखाई दे रहा है तो वहीं कांग्रेस इस महत्वपूर्ण चुनावी मुद्दे से भाजपा को घेर नहीं पा रही है। बिना शोरगुल के हो रहे इस बार के लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की सियासी प्रचार अभी तक प्रारंभिक बैठकों से आगे नहीं बढ़ पाई है। इस कारण से चुनावी मुद्दे को लेकर चुनाव प्रभावित करने की बात अभी नहीं करना बेहतर है।

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