साहित्य जगत के लिए बड़ी उपलब्धि : स्वतंत्रता सेनानियों को काव्यात्मक श्रद्धांजलि 'आज़ादी के नायक' इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में दर्ज

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'आजादी के नायक' किताब के संपादक
देशभक्ति कविताओं का एक शक्तिशाली संकलन 'आज़ादी के नायक' आधिकारिक तौर पर इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है।

रायपुर। साहित्य जगत ने एक उल्लेखनीय उपलब्धि का जश्न मनाया, क्योंकि देशभक्ति कविताओं का एक शक्तिशाली संकलन 'आज़ादी के नायक' आधिकारिक तौर पर इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया है। प्रतिष्ठित लेखक और साहित्यिक विद्वान पुखराज यादव 'प्राज' द्वारा संपादित, यह पुस्तक काव्य संसद डॉट कॉम और साहित्य साधना सभा, छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित तत्वावधान में प्रकाशित हुई है, जो भारतीय साहित्य और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध संगठन है।

'आज़ादी के नायक' सिर्फ़ एक किताब नहीं है; यह उन अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों को एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि है, जिनके बलिदान ने भारत की आज़ादी का मार्ग प्रशस्त किया। इस संकलन में देश भर के प्रतिष्ठित साहित्यकारों द्वारा लिखी गई कविताओं का एक प्रेरक संग्रह है, जिनमें से प्रत्येक ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को परिभाषित करने वाले साहस, लचीलेपन और देशभक्ति के सार को दर्शाया है। यह पुस्तक पीढ़ियों के बीच सेतु का काम करती है, जो युवा और वृद्ध पाठकों के दिलों में राष्ट्रवाद और गौरव की लौ को फिर से प्रज्वलित करती है।

शब्दों से बुनी गई एक पवित्र श्रद्धांजलि

पुस्तक के प्रभाव पर विचार करते हुए, कवि एवं संपादक परमानंद निषाद 'प्रिय' ने अपने दिल की बात साझा करते हुए कहा कि, यह पुस्तक केवल कविताओं का संग्रह नहीं है; यह शब्दों से बुनी गई एक पवित्र श्रद्धांजलि है। 'आजादी के नायक' की हर कविता हमारे बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों को प्रतिध्वनित करती है। यह हमें उस खून, पसीने और आँसुओं की याद दिलाती है, जिनसे हमें हमारी आज़ादी मिली। देशभक्ति की भावना को पीढ़ियों तक जीवित रखने के लिए इस तरह की साहित्यिक कृतियाँ आवश्यक हैं।

इतिहास की आत्मा को प्रतिबिंबित करने वाला दर्पण

संपादक डिजेन्द्र कुर्रे 'कोहिनूर' ने कहा, 'आज़ादी के नायक' एक साहित्यिक कृति से कहीं बढ़कर है। यह हमारे देश के इतिहास की आत्मा को प्रतिबिंबित करने वाला दर्पण है। इसके पन्नों के माध्यम से, हम उन शहीदों की आवाज सुनते हैं जो समय की छाया में खो गए। यह पुस्तक सुनिश्चित करती है कि, उनकी कहानियाँ न केवल याद रहें बल्कि हर पाठक द्वारा गहराई से महसूस की जाएँ। यह एक भावनात्मक यात्रा है जो अतीत को वर्तमान से जोड़ती है।

कविता की शक्ति का एक वसीयतनामा

संपादक डॉ. सुनील कुमार यादव ने पुस्तक के ऐतिहासिक महत्व पर जोर देते हुए कहा, 'आज़ादी के नायक' सामूहिक स्मृति को आकार देने में कविता की शक्ति का एक वसीयतनामा है। यह इतिहास में जान फूंकती है, हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों को जीवंत और प्रासंगिक बनाती है। कविताएँ न केवल गर्व की भावना को प्रेरित करती हैं, बल्कि उन मूल्यों को बनाए रखने की ज़िम्मेदारी भी देती हैं, जिनके लिए हमारे नायक लड़े थे। इस पुस्तक को देशभक्ति साहित्य की आधारशिला के रूप में याद किया जाएगा।

साहित्य के लिए मील का पत्थर

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में पुस्तक का पंजीकरण समकालीन भारतीय साहित्य में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह दर्शाता है कि, कविता एक कलात्मक अभिव्यक्ति और एक ऐतिहासिक दस्तावेज दोनों के रूप में कैसे काम कर सकती है। 'आज़ादी के नायक' पाठकों को उन बलिदानों पर विचार करने के लिए आमंत्रित करता है जिन्होंने भारत के भाग्य को आकार दिया और स्वतंत्रता, न्याय और एकता के आदर्शों के लिए एक नई प्रतिबद्धता को प्रोत्साहित करता है।

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