पेड़ों को मिला नया जीवन : 70 वर्ष पुराने 22 पेड़ जड़ सहित उखाड़कर दूसरी जगह किए ट्रांसप्लांट

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स्टेशन परिसर में 70 से 80 साल पुराने कई ऐसे पेड़ हैं, जो रेलवे विकास की जद में आ रहे हैं।

रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायपुर मंडल में स्टेशन का रीडेवलपमेंट का कार्य शुरू हो गया है। स्टेशन परिसर में 70 से 80 साल पुराने कई ऐसे पेड़ हैं, जो रेलवे विकास की जद में आ रहे हैं। रेलवे इन पेड़ों को नया जीवन देने काटने की जगह दूसरी सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट कर रहा है, जिसमें 90 प्रतिशत सफलता मिल चुकी है।

ट्रांसप्लांट तकनीक के जरिए एजेंसी और पर्यावरण विशेषज्ञ मिलकर यह कार्य कर रहे हैं। सीनियर डीसीएम अवधेश कुमार त्रिवेदी ने हरिभूमि को बताया कि हम किसी भी पेड़ को काटना नहीं चाहते। रेलवे का प्रयास है कि अधिक से अधिक पेड़ को दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जाएगा, ताकि पर्यावरण से हरियाली खत्म न हो। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 22 पेड़ों को शिफ्ट करने में सफलता मिली है। 100 से अधिक पेड़ों को तकनीक के जरिए ट्रांसप्लांट किया जाएगा। बता दें कि रेलवे पहले पेड़ों को दूसरी जगह शिफ्ट कर रहा है, जिसके बाद रेलवे का रीडेवलपमेंट का निर्माण कार्य शुरू होगा।

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अब चार महीने तक पेड़ की विशेष देखभाल

मशीन से जब पेड़ को उखाड़ा जाता है, उससे पहले उस जगह पर वहां 100 सेंटीमीटर चौड़ा और 10 फीट गहरा गड्डा खोदा जाता है, जहां उसे शिफ्ट करना होता है। एजेंसी ने जिस पेड़ को ट्रांसप्लांट किया है, उस पेड़ को चारों तरह से मिट्टी से कवर किया है। कुछ दिनों बाद पेड़ की जड़ें नई जमीन में फैलनी शुरू हो जाएंगी। तीन से चार महीने पर पेड़ों का विशेष ध्यान रखा जाएगा, ताकि पेड़ खत्म न हों। एक पेड़ को शिफ्ट करने में 24 घंटे से अधिक समय लगा है। रेलवे पेड़ों को बचाने लाखों रुपए खर्च कर रहा है।

7 से 15 फीट गहरा गड्डा खोदकर मशीन से निकाला

रेलवे गुढ़ियारी की ओर रेलवे कॉलोनी में लगे 22 पेड़ों को शिफ्ट कर चुका है, जिसमें आम, नीम और पीपल समेत छायादार पेड़ शामिल हैं। इसमें सबसे 70 वर्ष पुराना आम का पेड़ था, जिसे जड़ सहित मशीन के उखाड़कर दूसरी जगह प्लांट किया गया। सभी पेड़ों को रेलवे परिक्षेत्र की बाउंड्री के नजदीक रेलवे लोको कॉलोनी, टीटीई रेस्ट रूम के आसपास शिफ्ट किया गया। पेड़ पुराने और विशाल होने के कारण ट्रक और क्रेन की मदद ली जा रही है। पेड़ को उखाड़ने के लिए ट्रांसप्लांटेशन मशीन के जरिए लंबी जड़ों तक खुदाई की गई। यह जड़ें 5 से 10 मीटर लंबी थीं। जमीन को पानी से नर्म कर लगभग 7 से 15 फीट गहरा गड्डा खोदने के बाद पेड़ों को जड़ों के साथ निकाला गया और फिर दूसरी जगह पर शिफ्ट किया गया। रेलवे कॉलोनी में यह सभी पड़े हरे थे, इसलिए इनका ट्रांसप्लांटेशन किया गया।

पेड़ को कर रहे शिफ्ट

रायपुर मंडल के सीनियर डीसीएम अवधेश कुमार त्रिवेदी ने बताया कि, स्टेशन के गुढ़ियारी की ओर रेलवे कॉलोनी में लगे लगभग 22 पेड़ों को शिफ्ट किया गया, जिसमें आम, नीम, पीपल प्रमुख थे। इसमें सबसे पुराना पेड़ आम का पेड़, जो लगभग 62 से 70 वर्ष पुराना था, उसे भी सफलतापूर्वक शिफ्ट किया गया। हम एक भी पेड़ को काटना नहीं चाहते। 100 से अधिक पेड़ को शिफ्ट किया जाएगा।


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