भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला : EOW-ACB की कार्रवाई पूरी, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस, मोबाइल, दस्तावेजों से मिलीं जानकारियां

रायपुर। भारतमाला परियोजना घोटाले मामले में ईओडब्ल्यू एसीबी की छापे की कार्रवाई पूरी हुई। 20 जगहों पर ईओडब्ल्यू एसीबी ने छापा मारा था। छापे में इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल, दस्तावेज, कई प्रॉपर्टी में निवेश के दस्तावेज और बैंक खातों की जानकारी मिली। जांच एजेंसी ने प्रेस नोट जारी कर साझा किया। इस मामले में ईओडब्ल्यू एसीबी ने पहले ही केस दर्ज कर लिया है। बता दें कि, कांकेर के नरहरपुर ब्लॉक में भी EOW ने दबिश दी थी। अभनपुर में एसडीएम रहे निर्भय साहू के देवीनवागांव स्थित आवास में दबिश दी।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भारतमाला प्रोजेक्ट गड़बड़ी मामले में EOW और ACB की टीम ने छापेमार कार्रवाई की है। निलंबित पटवारी लेखराम देवांगन के घर पर छापा पड़ा है। सुबह 6:00 बजे से EOW, ACB की टीम घर के अंदर मौजूद है। भारतमाला प्रोजेक्ट में गड़बड़ी सामने आने के बाद लेखराम देवांगन को निलंबित किया गया था।
20 अधिकारियों के ठिकानों पर एक साथ रेड
बता दें कि, शुक्रवार सुबह से करीब 17 से 20 अधिकारियों के ठिकानों पर एक साथ रेड किया। दरअसल, किसानों को मिलने वाली मुआवजा राशि में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी कर अफसरों और दलालों ने करोड़ों रुपयों की बंदरबांट की। घोटाले की रकम करीब 43 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
बिलासपुर। तहसीलदार लखेश्वर प्रसाद किरण (बिलासपुर) के घर पर EOW-ACB की टीम @BilaspurDist #EOW #ACB #Chhattisgarh pic.twitter.com/zuaRS60Z7K
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) April 25, 2025
मुआवजे की राशि में भी हुई गड़बड़ी
विधानसभा में मामला उठने के बाद EOW ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। जांच के दौरान पता चला कि, जमीन अधिग्रहण के नाम पर सरकारी अधिकारियों ने मिलीभगत कर मुआवजे की राशि में भारी हेरफेर की। इस मामले में अबतक कई अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है।
तत्कालिक एसडीएम और तहसीलदार के आवासों पर भी पड़ा छापा
तत्कालिक एसडीएम निर्भय साहू और तहसीलदार शशिकांत कुर्रे के रायपुर स्थित आवासों पर भी ईओडब्ल्यू की टीम ने रेड मारी। इसके अलावा अभनपुर, आरंग, दुर्ग और भिलाई में भी छापेमार कार्रवाई जारी है। एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी और राजस्व निरीक्षक जैसे राजस्व विभाग के कई अधिकारियों के ठिकानों पर रेड पड़ सकती है।
ये है पूरा मामला
भारत माला प्रोजेक्ट में जमीन अधिग्रहण मामले में 43 करोड़ का घोटाला हुआ है। जमीन को टुकड़ों में बांटकर NHAI को 78 करोड़ का भुगतान दिखाया गया। एसडीएम, पटवारी और भू-माफिया के सिंडिकेट ने बैक डेट पर दस्तावेज बनाकर घोटाले को अंजाम दिया।
कोरबा डिप्टी कलेक्टर शशिकांत कुर्रे को किया गया था सस्पेंड
कुछ दिनो पहले ही रायपुर-विशाखापट्टनम तक बन रही (वाइजैग) इकोनॉमिक कॉरिडोर में घोटाले के उजागर होने के बाद कोरबा डिप्टी कलेक्टर शशिकांत कुर्रे को सस्पेंड किया गया था। इसके पहले जगदलपुर निगम कमिश्नर निर्भय साहू को भी सस्पेंड किया गया था। शशिकांत और निर्भय पर जांच रिपोर्ट तैयार होने के 6 महीने बाद कार्रवाई शुरू हुई है। निर्भय कुमार साहू के साथ-साथ पांच अधिकारी-कर्मचारियों पर 43 करोड़ 18 लाख रुपये से अधिक राशि की गड़बड़ी का आरोप है।
इन पर है गड़बड़ी का बड़ा आरोप
1.तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू
2.तत्कालीन तहसीलदार शशिकांत कुर्रे
3.तत्कालीन नायब तहसीलदार लखेश्वर प्रसाद किरण
4.पटवारी जितेंद्र साहू
5.दिनेश पटेल
6.लेखराम देवांगन
7.विजय जैन
8.हरमीत सिंह
9.मनजीत सिंह
10.आशीष दास
11.उमा तिवारी
12.केदार तिवारी
13.रोशन वर्मा
