प्रधानमंत्री आवास योजना : गरीबों के मकान तो बना दिए, अब बकाया अंशदान वसूली में फंसा पेंच, अरबों रुपए जाम 

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प्रधानमंत्री आवास योजना
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक के तहत राज्य के सभी नगर निगम और कुछ नगरपालिका क्षेत्रों में गरीबों के लिए मकान तो बना दिए गए। 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के एएचपी घटक के तहत राज्य के सभी नगर निगम और कुछ नगरपालिका क्षेत्रों में गरीबों के लिए मकान तो बना दिए गए, लेकिन अब इन्ही हितग्राहियों से उनके हिस्से की अंशदान की राशि वसूलना निकायों के गले की हड्डी बन गया है। खास बात ये है कि बिलासपुर, रायपुर, कोरबा, भिलाई जैसे बड़े शहरों में ही हितग्राहियों पर अरबों रुपए बकाया हो गए हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने संबंधित निकायों के अधिकारियों के लिए कहा है कि ये निर्देशों के प्रति उदासीनता है। यही नहीं, अधिकारियों पर इसकी जिम्मेदारी तय कर अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।

3.25 लाख रुपए होता है अंशदान

छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी, एएचपी घटक के हितग्राहियों से अंशदान की राशि कितनी वसूली जाती है। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत एएचपी (भागीदारी में किफायती आवास) घटक के लिए हितग्राहियों से अंशदान राशि 3.25 रुपए लाख वसूली जाती है। यह अंशदान प्रति आवास की लागत रुपए 4.75 लाख को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है, जिसमें शासन द्वारा अनुदान की राशि निश्चित है। एएचपी घटक के तहत, हितग्राही अपने स्वयं के भूमि पर घर बना सकते हैं या योजना में भागीदारी कर सकते हैं।

नगरीय प्रशासन ने जारी किया आदेश

इस मामले को लेकर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव ने संबंधित निकायों के लिए आदेश जारी किया है। ये बताया गया है कि किस निकाय में हितग्राही अंशदान की कितनी राशि वसूल किया जाना बाकी है। आदेश में ये भी कहा गया है कि हितग्राही अंशदान की बकाया राशि वसूलने के लिए के संबंध में जारी निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। निकायों द्वारा राशि की वसूली में रुचि नहीं ली जा रही है। हितग्राही अंशदान संकलन की स्थिति में शासन के निर्देशों के प्रति निकायों की उदासीनता का प्रतीक है।

तो नहीं मिलेगी वित्तीय सहायता

नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने ये भी कहा है कि ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा स्वीकृत परियोजना में केंद्रांश एवं राज्यांश के अनुदान के अतिरिक्त किसी प्रकार की वित्तीय सहायता निकायों को नहीं दी जाएगी। परियोजना में शेष राशि का वहन निकायों के हितग्राही अंशदान से ही करना होगा। वसूली न होने की नगर निगमों के आयुक्त एवं मुख्य नगरपालिका अधिकारी के नोडल, सहायक नोडल अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी है एवं इसका मूल्यांकन संबंधित अधिकारी की गोपनीय चरित्रावली में अंकित किया जाएगा।

किस निकाय में कितना बकाया -राशि करोड़ में

रायपुर 4.61
भिलाई 62.92
राजनांदगांव 38.98
कोरबा 72.01
जगदलपुर 14.55
रायगढ़ 18.67
बिलासपुर 98.23
बीरगांव 9.50
भिलाई चरौदा 15.51
दुर्ग 37.90
रिसाली 16.59
धमतरी 5.15
अंबिकापुर 3.64
आरंग पालिका 2.0
कांकेर 0.82
दंतेवाडा 2.28

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