महानदी संरक्षण और पुनर्जीवन अभियान : 2 मई को सिहावा सेक शुरुआत, श्रृंगी ऋषि पर्वत क्षेत्र को मिलेगा पर्यटन स्थल का स्वरूप

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जनपद सभा कक्ष में बैठक
धमतरी कलेक्टर अविनाश मिश्रा के नेतृत्व में गणेश घाट, कर्णेश्वर धाम और फरसियां में होंगे विशेष पूजन, महाआरती और जनजागरण कार्यक्रम।

गोपी कश्यप- नगरी। धमतरी जिले के सिहावा क्षेत्र में स्थित महानदी के पवित्र उद्गम स्थल श्री श्रृंगी ऋषि पर्वत और आस पास के धार्मिक स्थलों को राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने और महानदी के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए एक वृहद अभियान ‘महानदी अवेकनिंग अभियान (MAA)’ का शुभारंभ 2 मई को किया जा रहा है। यह अभियान भाजपा जिलाध्यक्ष प्रकाश बैस की पहल, जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सार्वा, कर्णेश्वर धाम ट्रस्ट अध्यक्ष विकल गुप्ता के भगीरथ प्रयासों और कलेक्टर अविनाश मिश्रा के नेतृत्व में साकार हो रहा है।

इस अभियान के तहत फरसियां में सुबह 7 बजे महाआरती, सामतरा व छिपली में विशेष कार्यक्रम तथा मुख्य कार्यक्रम गणेश घाट, सिहावा में परंपरागत पूजन अर्चन के साथ आयोजित होगा, जिसमें क्षेत्र के वरिष्ठजनों, जनप्रतिनिधियों और आम नागरिकों की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी।

तय की गई कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा
बुधवार को एसडीएम नगरी प्रीती दुर्गम की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा तय की गई। इस अवसर पर तहसीलदार तेजपाल ध्रुव, सीईओ जनपद पंचायत करुणा सागर पटेल, ट्रस्ट की ओर से निकेश ठाकुर, नागेन्द्र शुक्ला, छबिलाल ठाकुर और भरत निर्मलकर भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। ज्ञात हो कि, कलेक्टर अविनाश मिश्रा के मार्गदर्शन में गणेश घाट के सौंदर्यीकरण, श्रृंगी ऋषि पर्वत तक सड़क चौड़ीकरण, मंदिर मार्ग पर विद्युत व्यवस्था, नदी किनारे एनीकट निर्माण, नौकायन सुविधा, और वृक्षारोपण जैसी योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने अधिकारियों को भौगोलिक सर्वेक्षण कर वास्तविक स्थिति प्रस्तुत करने और हर संभव मूलभूत सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

Officers and leaders inspecting the site
स्थल निरीक्षण करते हुए अधिकारी और नेतागण

यह अभियान सिहावा को केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि संस्कृति, पर्यावरण और रोजगार का संगम बनाने की दिशा में एक निर्णायक पहल साबित होगी। बैठक के उपरांत हरिभूमि से चर्चा करते हुए सभी प्रमुख व्यक्तियों ने अभियान की महत्ता पर अपनी बात रखी-

एसडीएम हमारी सांस्कृतिक चेतना की जीवनधारा : प्रीती दुर्गम
'महानदी केवल एक नदी नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक चेतना की जीवनधारा है। इस अभियान के माध्यम से हम आने वाली पीढ़ियों के लिए जल स्रोतों की रक्षा, स्वच्छता और आस्था को एक साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।”

राष्ट्रीय पहचान दिलाने की कोशिश : प्रकाश बैस
सिहावा के श्रृंगी ऋषि पर्वत और महानदी का उद्गम स्थल का जैसा विकास अब तक होना था, वैसा नहीं हो पाया है, अब यह अभियान उस स्थान को राष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है, जिसमें हर नागरिक की सहभागिता जरूरी है।

रोजगार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा : अरुण सार्वा
इस अभियान के माध्यम से न केवल धार्मिक और पर्यावरणीय दृष्टि से बल्कि स्थानीय रोजगार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। हम पूरी निष्ठा से इस प्रयास में सहयोग कर रहे हैं।

धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनेगा : विकल गुप्ता
हम वर्षों से कर्णेश्वर धाम और गणेश घाट के संरक्षण की दिशा में प्रयासरत हैं। अब जब प्रशासन और समाज साथ मिलकर कार्य कर रहा हैं, तो यह क्षेत्र निश्चित रूप से छत्तीसगढ़ के धार्मिक पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनेगा।

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