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सीएम साय ने प्रदेश के मीसाबंदियों को सम्मान निधि राशि देने की घोषणा विधानसभा में की थी। 2019 में कांग्रेस ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया था। अब इसे फिर से शुरू किया।

रायपुर। लोकतंत्र सेनानियों ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात कर सम्मान निधि फिर से शुरू करने के लिए धन्यवाद दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि, हम लोकतंत्र को सर्वाेपरि मानते हैं और हम लोकतांत्रिक भावनाओं के पोषक हैं। उन्होंने कहा कि, देश के लोकतंत्र पर जब संकट आया तब हमारे लोकतंत्र सेनानियों ने कई तरह के  परेशानी सहकर लोकतंत्र की रक्षा की है। 

सीएम साय ने कहा कि, लोकतंत्र सेनानियों को मिलने वाली सम्मान निधि को बंद करके कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने एक बार फिर अपने तानाशाही और लोकतंत्र विरोधी रवैये को दोहराया था। कांग्रेस की सरकार ने ही देश में आपातकाल लागू किया था। जिसके कारण हमारा लोकतंत्र संकट में आ गया था। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकारें आंतरिक रूप से जितनी लोकतांत्रिक हैं, लोकतंत्र की रक्षा और उसे सशक्त करने के लिए उतनी ही प्रतिबद्ध हैं। हम लोकतंत्र को पुष्पित और पल्लवित करने का काम कर रहे हैं। 

सेनानी सम्मान निधि से वंचित थे 

लोकतंत्र सेनानियों ने कहा कि, भाजपा सरकार द्वारा वर्ष 2008 से मीसा बंदियों को सम्मान निधि प्रदान की जा रही थी, जिसे वर्ष 2019 में कांग्रेस ने सत्ता में आते ही बंद कर दिया था। न्यायालयीन लड़ाई में सफलता के बाद भी कांग्रेस की भूपेश सरकार की हठधर्मिता के चलते लोकतंत्र सेनानी सम्मान निधि से वंचित थे। आप ने प्रदेश की सत्ता में आते ही भूतलक्षी प्रभाव से लोकतंत्र सेनानियों को सम्मान निधि बहाल करने का निर्णय लिया और इस निर्णय के परिपालन में जिला कलेक्टरों को सम्पूर्ण बकाया सम्मान निधि और आगामी प्रतिमाह की सम्मान निधि प्रदान करने के लिए राशि भी आबंटित कर दी। 

ये लोग थे मौजूद 

इस निर्णय से लोकतंत्र सेनानियों को यथाशीघ्र सम्मान निधि मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। लोकतंत्र सेनानियों ने इस निर्णय के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर लोकतंत्र प्रहरी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय संयोजक सच्चिदानंद उपासने, लोकतंत्र सेनानी संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष दिवाकर तिवारी आदि उपस्थित थे।

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