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शासकीय कन्या प्राथमिक शाला देवकर की बालिकाएं बहुमुखी प्रतिभा की धनी है। वर्ष 2017 में इस विद्यालय में बाल बैंक का गठन किया गया था।

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के साजा विकासखंड के शासकीय कन्या प्राथमिक शाला देवकर एक ऐसा ही विद्यालय है जहां के शिक्षक तो बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं ही। साथ ही वहां अध्यनरत बालिकाएं भी बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं। चाहे अध्यापन का क्षेत्र हो, चाहे खेलकूद के क्षेत्र हो, चाहे टीएलएम निर्माण की कला हो, या चाहे कबाड़ से जुगाड़ बनाने की कला हो, हर तरह की कला में पूरी तरह से निपुण हैं।

बाल बैंक का गठन 

children's bank passbook
बच्चों की बैंक पासबुक 

वर्ष 2017 से इस विद्यालय में बाल बैंक का गठन किया गया है। तत्कालीन प्रधान पाठिका मैमुना सुल्ताना ने इसका गठन किया था। बालिकाओं में संचय शक्ति का विकास करने के लिए और बचत को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही बाल बैंक का गठन किया गया है। आज 8 वर्ष उपरांत भी इसका संचालन सफलतापूर्वक किया जा रहा है। सभी अध्यापन रत बालिकाओं को बाक़ायदा पासबुक जारी किया जाता है, प्रतिदिन निकासी और जमा राशि का विवरण लिखा जाता है। कक्षा पांचवी के बाद विद्यालय छोड़ने पर उस बालिका का खाता बंद कर पूरी राशि उसे दे दिया जाता है। इसका एक उद्देश्य यह भी है कि बालिकाएं पेन कॉपी पेंसिल रबर कटर अपनी इच्छा अनुसार क्रय कर सके। 

सुग्घर पढ़वईया में प्लैटिनम पुरस्कार

2 वर्ष पूर्व राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजना सुग्घर पढ़वईया कार्यक्रम चालू की गई थी इस योजना का क्रियान्वयन पूरे बेमेतरा जिले में सफलतापूर्वक किया गया था। इसके तहत इस विद्यालय में थर्ड पार्टी आकलन में विद्यार्थियों की उपस्थिति पूरे 100% रही। विद्यालय के सारे बच्चों ने सभी प्रश्नों के 100% सही जवाब दिए। फल स्वरुप सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार प्लैटिनम का पुरस्कार भी प्राप्त किया। बेमेतरा जिले के जिन दो विद्यालयों ने प्लैटिनम पुरस्कार प्राप्त किया था, उनमें से एक कन्या प्राथमिक शाला देवकर भी रहा है। 

बच्चों की होती है पूर्ण उपस्थिति 

इस विद्यालय में बालिकाओं की उपस्थिति रोजाना शत प्रतिशत रहती है। एकाध बालिकाएं शाला नहीं आ पाती तो उनके माता-पिता से संपर्क किया जाता है और उनके घर जाकर उनका हाल-चाल जानने के बाद उन्हें विद्यालय आने के लिए प्रेरित किया जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि सभी बालिकाएं पूर्ण अवकाश होने के बाद ही अपने घर जाती है।

अव्वल दर्जे का अध्यापन कार्य 

इस विद्यालय में पढ़ाई लिखाई भी उत्कृष्ट दर्जे का है पहली से लेकर पांचवी तक के सभी बालिकाओं को मूलभूत साक्षरता एवं संख्या ज्ञान है। सभी बालिकाएं अपना परिचय अंग्रेजी में तो देती ही है, हिंदी और छत्तीसगढ़ी भी बोलती है। मैजिक मैथ्स के तहत जोड़, गुणा, भाग और घटाना को फॉर्मूला लगाकर तुरंत ही हल कर लेती है। यहां कि बालिकाएं ऐसे ऐसे मैजिक दिखाती है कि आगंतुक अधिकारी या शिक्षक आश्चर्य चकित रह जाते हैं। 

टीएलएम निर्माण में भी अव्वल 

इस विद्यालय की बालिकाएं, शिक्षक शिक्षिकाओं के सहयोग से स्वयं ही टीएलएम का निर्माण कर लेती है। कबाड़ से जुगाड़ कार्यक्रम के तहत बालिकाएं श्रेष्ठ प्रदर्शन करती है। पिछले दिनों विकासखंड स्तरीय कबाड़ से जुगाड़ प्रतियोगिता में इस विद्यालय ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया था। 

समन्वय का भाव

यहां के सभी शिक्षक एवं शिक्षिकाएं बराबर सहयोग करते है शिक्षक आशुतोष चौबे मैजिक मैथ्स का क्षेत्र संभालते हैं। जबकि शिक्षिका मैमूना सुल्ताना अध्यापन के साथ-साथ बाल बैंक का क्षेत्र भी संभालती है। शिक्षिका श्वेता वर्मा और वीणा रावटे कला का क्षेत्र संभालती है। जबकि प्रधान पाठिका गिरिजा पटेल सभी में समन्वय स्थापित कर श्रेष्ठ मार्गदर्शन का कार्य करती है। 

दुर्ग संभाग के श्रेष्ठ प्रधान पाठक का पुरस्कार 

Best Principal Reader Award
श्रेष्ठ प्रधानपाठक पुरुस्कार 

इस विद्यालय में पदस्थ प्रधान पाठिका गिरजा पटेल को उसके उत्कृष्ट कार्य को देखते हुए इस वर्ष के दुर्ग संभाग के सर्वश्रेष्ठ प्रधान पाठक के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। स्कूल लीडरशिप डेवलपमेंट के लिए भी उनका नाम एससीईआरटी को भेजा गया है। विद्यालय में हर तीज त्यौहार का पर्व बालिकाओं के साथ हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। सभी शिक्षक शिक्षिकाएं अपना अपना जन्म दिवस विद्यालय में ही बच्चों के साथ मनाते हैं और उस दिन सारे बच्चों को स्वल्पाहार कराया जाता है। इस तरह यह जिले का अपनी तरह का एक उत्कृष्ट विद्यालय है जहां न सिर्फ बच्चे बल्कि शिक्षक भी बिना उचित कारण के अवकाश पर रहना नहीं चाहते।

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