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झुलसाती गर्मी में तीसरे चरण के मतदान को लेकर मतदाता को लुभाने के लिए प्रत्याशी और प्रचारक अपना -अपना सबकुछ झोंकने में जुटे हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी पसीना बहाने में कहीं पीछे नहीं हैं।

डॉ. हिमांशु द्विवेदी- रायपुर। अब जब लोकसभा चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं, झुलसाती गर्मी में तीसरे चरण के मतदान को लेकर मतदाता को लुभाने के लिए प्रत्याशी और प्रचारक अपना - अपना सबकुछ झोंकने में जुटे हैं। दो बार विधायक और चार बार सांसद रह चुके छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी पसीना बहाने में कहीं पीछे नहीं हैं। तीन दशक से भी ज्यादा के राजनीतिक जीवन में श्री साय जिस तूफानी गति से अभी चुनावी दौरे कर रहे हैं, उससे पहले ही शायद कभी किए हों। सैंतालीस से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के लिए वोट मांगने अब तक पहुंच चुके श्री साय के इतनी मेहनत करने की एक ही वजह है। वह है ढाई दशक से पार्टी के उस सपने को साकार करना, जिससे छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों पर भाजपा विजयी हो। श्री साय के प्रचार के तरीके को गत दिवस हमने बेहद नजदीकी से दिनभर देखा। कलाई में बंधी घड़ी में जब बारह बजने में बीस मिनट बाकी हैं, मुख्यमंत्री श्री साय उड़न खटोले में सवार हो सरगुजा संसदीय क्षेत्र अंतर्गत वाड्रफनगर के लिए उड़ान भर लिए हैं। 

मुख्यमंत्री बनने से पहले साय की पहचान उनकी सादगी के लिए रही है। उस पहचान को अभी बनाए हुए हैं। कोई तामझाम नहीं है। हेलीकाप्टर सात सीटर है लेकिन मुख्यमंत्री महज एक सहायक और सुरक्षा अधिकारी ही सफर में साथ हैं। बैठते ही सबसे पहले अपने सहायक से समाचार पत्रों की कटिंग मांगते हैं। निगाह डालते हैं कि देश प्रदेश में क्या कुछ चल रहा है। इसके बाद सिलसिला शुरू होता है हमारे साथ सवाल और जवाब का। चुनावी मुद्दों पर तो वह खुलकर बोले ही, अपनी सरकार से जुड़े मुद्दों पर भी साफगोई से वह नहीं चूके। इस बातचीत को पाठक कल हरिभूमि में पढ़ सकेंगे और दर्शक आईएनएच चैनल पर देख सकेंगे। बहरहाल बातचीत चलती रही और एक घंटा बीस मिनट का हवाई सफर तय कर हम वाड्रफनगर के एक स्कूली मैदान में बने हैलीपैड पर अपने हेलीकाप्टर सहित उतर गए।

 

सरल साय

 

हेलीकाप्टर को देख अब भी ग्रामीण क्षेत्रों में भीड़ बहुत आती है। वहीं दूसरी ओर इसके पंखों से धूल भी बहुत उड़ती है। खैर, धूल छंटी तो मुख्यमंत्री का स्वागत करने भाजपा के कद्दावर नेता और सरकार में कृषि मंत्री रामविचार नेताम और प्रत्याशी चिंतामणि महाराज समेत तमाम नेता फूलमालाओं के साथ खड़े होकर आए। पार्टी और नेताओं के जिंदाबाद के नारे मुख्यमंत्री की चाल में चुस्ती और तेजी दोनों ला देते हैं। बुलेट प्रूफ गाड़ी मुख्यमंत्री को मंच तक ले जाने के लिए खड़ी हुई है लेकिन भीड़ का उत्साह देख साथ उसे अनेदखा कर पैदल ही चल देते हैं। पुलिस वाले परेशान हैं। वह रस्सी का घेरा बना भीड़ को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सहज साय सबसे हाथ मिलाते बेफिक्री के साथ चलते जा रहे हैं। कुछ उत्साही मौके का लाभ उठा मोबाइल पर सेल्फी भी ले लेते हैं।

संदेश देना नहीं चूकते

समय तेजी से गुजर रहा है और सूरज ढलने से पहले रायपुर पहुंचना है। हेलीकाप्टर लवन के लिए रवाना हो गया। जांजगीर लोकसभा का इलाका है। उतरते ही पायलट बता देते हैं, सर, सवा छह तक। मुख्यमंत्री मुस्कराते हैं। उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी विजय शर्मा, टंकराम वर्मा और प्रत्याशी कमलेश जांगड़े मौजूद हैं। सीधे मंच पर पहुंचते हैं। बाद की कहानी वैसी ही रहती है। लौटते में विजय शर्मा हेलीकाप्टर में साथ हैं। चौपर उड़ान भरता है तो घड़ी 6.13 बजा रही है। तय समय से दो मिनट पहले ही। यह मैनेजमेंट है। साय प्रसन्न हैं। संतोष का भाव चेहरे पर है। शायद इस अहसास से भरे हैं कि पार्टी ने जो दायित्व सौंपा है उसका निर्वहन वह ठीक से कर पा रहे हैं।

मोदी जी को प्रधानमंत्री बनाना है

साय चुनाव प्रचार के दौरान तनिक भी हड़बड़ी में नहीं हैं। सभा चाहे वाड्रफनगर में रही, बैकुंठपुर में रही या लवन में। वह स्थानीय नेताओं को महत्व देना याद रख रहे हैं। अपने से पहले प्रत्याशी समेत तीन चार नेताओं को आमसभा को संबोधित करने का मौका जरूर मिलता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जब भाषण देने मंच पर आते हैं तो सबसे पहले उपस्थित लोगों से पार्टी और बड़े नेताओं के जिंदाबाद के नारे लगवाते हैं। वाड्रफनगर में गर्मी कुछ ज्यादा ही है। शामियाना खचाखच भरा है लेकिन उतनी ही भीड़ पास में ही मौजूद पीपल के दो विशालकाय पेड़ों की छांव में भी आसन जमाकर बैठी हुई है। साय शुरू होते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रभावी व्यक्तित्व और सरकार के दस साल के कामकाज का हवाला देते हैं। आयुष्मान योजना, गरीबों के लिए पक्के मकान, किसानों को सम्मान निधि का हवाला देते हैं। वह यह भी बताना नहीं भूलते कि मोदी जी दिन में अठारह घंटे काम हम 140 करोड़ लोगों की भलाई के लिए ही करते हैं। उनको तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने से हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी ताकत भी बन जाएंगे। मोदी जी की सराहना के साथ-साथ वह अपनी सरकार के चार माह के कामकाज का भी ब्यौरा देते हैं। लेकिन इसे वह विष्णुदेव सरकार के काम के तौर पर नहीं मोदी की गारंटी पूरी करने के तौर पर बताते हैं। तालियां बजने लगती हैं जब वह पूछते हैं कि पिछले दो महीने से मोदी की गारंटी के तहत महतारी वंदन योजना का पैसा आपके खाते में आ रहा है? वह धान पर बोनस, अठारह लाख पक्के मकानों की स्वीकृति , अयोध्या में राम लला के दर्शन जैसे फैसलों का हवाला देकर 7 मई को भाजपा को वोट देने का आव्हान करते हैं।

आक्रामक लहजे में साय

सभा समाप्ति के बाद एक बार फिर वाहन मुख्यमंत्री का इंतजार करते ही रह जाता है। विष्णुदेव साय पैदल ही मंच से हैलीपेड के लिए चल दिए। लोग फिर टूटे पड़ रहे हैं और साय मुस्कराते हाथ हिलाते आगे बढ़ते जाते हैं। चिंतामणि महाराज को शुभकामनाएं और रामविचार नेताम को आभार जताया मुख्यमंत्री हेलीकाप्टर में बैठ कोरबा संसदीय क्षेत्र की प्रत्याशी डा. सरोज पांडे के लिए वोट मांगने बैकुंठपुर विधानसभा के पटना गांव लिए रवाना हो लिए। ढाई बजने को है। भैयालाल राजवाड़े समेत भाजपा के तमाम नेता यहां मौजूद हैं। पूजा का कार्यक्रम है। पूजा करने के बाद कुछ महिलाएं साथ फोटो खिंचाने का आग्रह करती हैं। साय तैयार हो जाते हैं। यह देख मंदिर के पुजारी भी रास्ता रोक फोटो की गुजारिश कर लेते हैं। उनकी कोशिश खाली नहीं जाती है। समय काफी हो गया है। कार्यकर्ताओं के साथ भोजन है। लौकी, लाल भाजी, बिना मसाले की दाल, दो सूखी रोटी और चावल परोसा गया है। तीन करोड़ की आबादी के मुखिया ऊंगलियों की ही चम्मच बना दालभात मस्ती में खा रहे हैं। तब तक प्रत्याशी सरोज पांडे भी आ चुकी हैं। मंच पर फिर सबकी मौजूदगी है। साय के निशाने पर कांग्रेस है और है पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल । साय दहाड़ते हैं, कांग्रेस किस अधिकार से वोट मांगती है। पांच साल केवल हाय पैसा-हाय पैसा करते रहे। शांति के टापू को अपराधियों का गढ़ बना दिया। किसमें भ्रष्टाचार नहीं किए। कोरबा के डीएमएफ का खेल किसे नहीं पता। सट्टे की लत लगाकर प्रदेश के युवाओं को बर्बाद करने का काम किया। दारू की दुकानों पर दो-दो काउंटर खुलवा दिए। भूलकर भी ऐसे लोगों को वोट नहीं देना है।

 

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