चरक पूजा महोत्सव : संन्यासियों को लोहे से बनी हुक को पीठ पर फंसाकर जाता है घुमाया, खजूर फेंककर भक्तों को देते हैं प्रसाद 

The sanyasis are tied to a swing and taken around
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सन्यासियों को झूले पर बांधकर जाता है घुमाया
कोंडागांव जिले के फरसगांव विकासखंड के ग्राम पश्चिम बोरगांव में बंग समुदाय द्वारा चरक पूजा महोत्सव का आयोजन किया गया। सन्यासी खजूर के पेड़ में विशेष पूजा करने के बाद कांटो भरे पेड़ में चढकर नृत्य करते हैं। 

कुलजोत संधु- कोंडागांव। छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले के फरसगांव विकासखंड के ग्राम पश्चिम बोरगांव में बंग समुदाय द्वारा चरक पूजा महोत्सव का आयोजन किया गया। इस आयोजन को लेकर क्षेत्र के बंग समुदाय के लोगो ने बताया कि, उनके समाज के एक अनोखी परंपरा के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस महोत्सव का आयोजन किया जाता हैं।

जहां शिवभक्तों के द्वारा एक माह तक अपने घरों से दूर रहकर सन्यासी जीवन व्यतीत कर व्रत रखकर गांव में घूम- घूम कर भिक्षा मांगते हैं और 24 घंटे में मात्र एक बार रात को ही भोजन करते हैं। एक महीना पूरा होने पर सभी सन्यासी खजूर के पेड़ में विशेष पूजा करने के बाद कांटो भरे पेड़ में चढकर नृत्य करते हैं। शिव भक्तों द्वारा खजूर के पेड़ से खजूर को फेक कर श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में देते है। जिसे खजूर भंगा कहा जाता है और दूसरे दिन चरक पूजा के आयोजन में शिवभक्तों के पीठ में लोहे से बनी हुक को पीठ पर फंसाकर झूले में घुमाया जाता हैं।

पिछले 3 सालों से किया जा रहा है आयोजन

भक्तों के लिए प्रसाद के रूप में खजूर, पताशा केला एवं अन्य सामग्री फेंकता है। जिसके नसीब में जो मिलता है, भक्त वही प्रसाद ग्रहण करते है। वैसे तो इस तरह की पूजा ओडिसा राज्य में ज्यादातर की जाती हैं। लेकिन पिछले 3 वर्षों से लगातार पश्चिम बोरगांव में यह आयोजन किया गया। बंग समुदाय के लोगों का कहना हैं कि, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ऐसा किया जाता हैं। इस आयोजन के देखने बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई।

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