जंगल में बन गई हाउसिंग बोर्ड कालोनी : नहीं ली गई थी वन विभाग की स्वीकृति, अब 54 साल बाद कराना होगा लीज रिनीवल

Housing Board Colony
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हाऊसिंग बोर्ड कालोनी
हाऊसिंग बोर्ड ने वर्ष पूर्व में जगदलपुर स्थित बोधघाट में मिश्रित आवासीय योजना से कालोनी बनाकर लगभग 300 मकान बेचा। इस कालोनी के हितग्राहियों के मकान अब तक फ्री-होल्ड नहीं हो सका और सभी मकान लीज में है। 

महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। छोटे और बड़े जंगल की जमीन में हाऊसिंग बोर्ड ने वर्ष 1971 यानि 54 वर्ष पूर्व में संभागीय मुख्यालय जगदलपुर स्थित बोधघाट में मिश्रित आवासीय योजना से कालोनी बनाकर लगभग 300 मकान बेचा। इस कालोनी के हितग्राहियों के मकान अब तक फ्री-होल्ड नहीं हो सका और सभी मकान लीज में हैं। हितग्राही जब मकान बेचने पर लीज रिनीवल कराया जाता है। इस कालोनी में वीआईपी रहते हैं और कई हितग्राहियों ने मकान को तीन मंजिल निर्माण किया गया। बताया जा रहा है कि जब कालोनी बनी उस समय एलआईजी मकान लगभग एक लाख रूपए में बिका। कालोनी में एचआई, एमआईजी, इडब्ल्यूएस एवं एलआईजी के मकान हैं।

लीज रिनीवल का देंगे नोटिस

हाऊसिंग बोर्ड जगदलपुर प्रक्षेत्र के अपर आयुक्त एचके वर्मा ने बताया कि बोधघाट कालोनी के कागजात का अवलोकन करने से पता चला कि यह कालोनी छोटे और बड़े जंगल की जमीन में वर्ष 1971 में बनी। इस पर वन विभाग की ओर से स्वीकृति नहीं मिली है, जिससे कालोनी के हितग्राहियों से लीज रिनीवल का नोटिस दिया जाएगा।

टीम गठित कर होगी जांच

वन विभाग जगदलपुर वृत्त के मुख्य वन संरक्षक आरसी दुग्गा ने इस संबंध में बताया कि शहर के बोधघाट का हाऊसिंग बोर्ड कालोनी छोटे और बड़े जंगल की जमीन में होने का संज्ञान में है। इसके लिए टीम गठित कर इसकी जांच कराएंगे।

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