इंद्रावती टाइगर रिजर्व बना वन्यप्राणियों का बसेरा : चारा- पानी की सुविधा की जा रही, ग्रामीणों को भी किया जा रहा जागरूक 

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इंद्रावती टाइगर रिजर्व बना वन्यप्राणियों का बसेरा
जगदलपुर जिले में स्थित इंद्रावती टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ाने के लिए चारा- पानी की सुविधा की जा रही है। साथ ही गांवों में प्रचार- प्रसार कर ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। 

महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में स्थित इंद्रावती टाइगर रिजर्व में वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ाने के लिए चारा और पानी की सुविधा की गई है। जिसके कारण वन्य प्राणी रिजर्व को अनुकूल मानकर बसेरा कर रहे हैं। रिजर्व में हर 4-4 किमी में तालाब का निर्माण कराया गया और खाली जमीन में घास का मैदान विकसित किया गया है।

मोरमेड़ के नेलकोय नाला में चेक डेम (तालाब) निर्माण कार्य किया गया है। इस इलाके में पहले वन्यप्राणियों के बसाहट की वजह से ग्रामीणों के अलावा अन्य जानवर भी सहम जाते थे। अब यहां उनके अनुकूल घास के मैदान और पानी के लिए तालाब बनाए गए हैं। जिससे शाकाहारी वन्य प्राणियों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। वहीं इस इलाके में अब बाघों को भी अच्छा भोजन मिल रहा है।

wild buffalo
रिजर्व में विचरण करता हुआ वन भैंसा

वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ने की संभावना

अनुकूल वातावरण होने के कारण वन्य प्राणियों की संख्या बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। इसके अलावा टाइगर रिजर्व के विशेषज्ञ सूरज नायर गिद्धों के संरक्षण के लिए प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। रिजर्व के सीसीएफ ने हाल ही में दो दिन तक उप निदेशक की टीम के साथ टाइगर रिजर्व के जंगलों का निरीक्षण किया था।

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इन्द्रावती टाइगर रिजर्व में निरीक्षण करते हुए उप निदेशक की टीम

बहते नालों को बांधने के निर्देश

रिजर्व के उप निदेशक संदीप बलगा ने बताया कि, रिजर्व में रहवास वन्य प्राणियों के लिए सटे हुए गांवों में ग्रामीणों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। ग्रामीणों को बताया जा रहा है कि, वन्य प्राणियों को मारे नहीं बल्कि सूचना दें, जिससे बचा सकें। इंद्रावती टायगर रिजर्व के मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीवन) और क्षेत्रीय निदेशक आरसी दुग्गा ने गर्मियों में वन्य प्राणियों को अधिक समय तक पानी उपलब्ध कराने के लिए बहते हुए नालों में सिमेंट की खाली बोरियों में रेत भरकर नाला बंधान कार्य करने के निर्देश दिए।

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