हाईकोर्ट के फैसले से डीएड वालों में उत्साह, बीएड वाले भयभीत : D.El.Ed वाले पहुंचे नौकरी मांगने, BED वाले मांग रहे समय

D.EL.ED candidates appealing to Education Minister for job
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नौकरी के लिए शिक्षा मंत्री से गुहार लगाते D.EL.ED अभ्यर्थी
हाईकोर्ट ने असिस्टेंट टीचर भर्ती प्रक्रिया में BEd उम्मीदवारों की नियुक्ति को निरस्त करने का आदेश दिया है। शिक्षा मंत्री से मुलाकात करने पहुंचे और नौकरी देने की मांग की।

रायपुर। हाईकोर्ट के फैसले से BED डिग्रीधारियों को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, हाईकोर्ट ने असिस्टेंट टीचर भर्ती प्रक्रिया में BED उम्मीदवारों की नियुक्ति को निरस्त करने का आदेश दिया है। साथ ही राज्य सरकार को 6 सप्ताह के भीतर पुनरीक्षित चयन सूची जारी कर D.El.Ed उम्मीदवारों को मौका देने का आदेश जारी किया है। इस फैसले से उत्साहित D.El.Ed डिग्रीधारी आज शनिवार को बड़ी संख्या में शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बंगले पहुंचे, जहां उन्होंने बीएडी धारियों के नियुक्ति को खारिज कर D.El.Ed धारियों को नौकरी देने की अपील की। उल्लेखनीय है कि, हाईकोर्ट के इस फैसले से प्रदेश के 5 हजार से ज्यादा बीएड डिग्रीधारी शिक्षक प्रभावित हुए हैं।

बीएड डिग्रीधारियों ने शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र

वहीं बीएड डिग्रीधारियों ने शिक्षा मंत्री अग्रवाल को पत्र लिखकर कहा कि, तात्कालिक शिक्षा मंत्री ने साल 2018 में NCTE को पत्र लिखकर प्राथमिक विद्यालय में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए बी.एड. अभ्यर्थियों को प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापन के लिए योग्य मानते हुए आदेशित किया था। NCTE के संबंधित गजट को उच्चतम न्यायालय ने 11 अगस्त 2023 को असंवैधानिक मानते हुए बी. एड. अभ्यर्थियों को प्राथमिक विद्यालयों में अध्यापन के लिए अयोग्य माना। यह फैसला पांच साल बाद दिया गया जिसमें इन पाँच सालों में बी.एड. के अभ्यर्थी जिन्होंने कठिन परिश्रम से मानक सभी योग्यताओं को पूर्ण कर सहायक शिक्षक पद में चयनित हुए उनके साथ अन्याय है।

बी.एड डिग्रीधारियों ने D.El.Ed करने के लिए मांगा समय

बी.एड. डिग्री धारकों, सहायक शिक्षक में पदस्थ बी.एड. अभ्यर्थियों और चयनित अभ्यर्थियों को बाहर करना उनके भविष्य और आजीविका के साथ किया गया अन्याय है। इससे बी.एड. अभ्यर्थियों के साथ ही उनके परिवार के लोग भी प्रभावित हो रहें हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री के निर्देशन से साल 2018 में NCTE द्वारा पारित दिशा निर्देशानुसार में बी.एड. अभ्यार्थी मानक योग्यताओं को पूरा किया और सहायक शिक्षक के पद के लिए योग्यता प्राप्त की, जो न्यायोचित था। इसलिए इसमें अभ्यर्थियों की कोई गलती नहीं है। अभ्यर्थियों ने मंत्री अग्रवाल से निवेदन किया है कि, जिस तरह से पहले छत्तीसगढ़ सरकार बगैर बी.एड. या डी.एड. के भी शिक्षक भर्ती करती थी (सन् 2002 और पहले कि नियुक्तियों में) और उन्हें सरकार द्वारा ही बी.एड. डी.एड. कराई जाती थी। वैसे ही अभी भी सरकार के द्वारा सहायक शिक्षक में पदस्थ चयनित अभ्यर्थियों को परिवीक्षा अवधी के दौरान कराई जा सकती है या सहायक शिक्षक में चयनित अभ्यर्थियों को स्वयं के पैसे से भी डी. एड/डी.एल.एड या अन्य समकक्ष कोर्स करने का व्यवस्था की जा सकती है।

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