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Exclusive : भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंह देव से हरिभूमि और आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने 'सार्थक संवाद' शो में ख़ास बातचीत । यहां देखें वीडियो-

रायपुर। किरण देव की मूलतः पहचान एक संघर्षशील नेता की है। सुकमा जैसे घोर नक्सल क्षेत्र में जन्मे किरण देव ने जगदलपुर के महापौर के तौर पर अलग ख्याति अर्जित की थी। संगठन में मंत्री फिर महामंत्री के तौर पर भी उनके कार्यों को याद किया जाता है। भाजपा के सत्ता में आने के बाद उनको प्रदेश अध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद दिया गया है। अब उनके सामने लोकसभा की सभी 11 सीटें जीताने की बड़ी चुनौती है। बस्तर और कोरबा में पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को ये सीटें नहीं मिली थी। जरूर उस समय कोई कमी रही होगी। इसको पार्टी ने संज्ञान में लिया और पिछली गलतियों को ठीक करके इस बार नई रणनीति बनाई गई है। 

हर सीट पर काफी मंथन के बाद ऐसा प्रत्याशी मैदान में उतारा गया है, जो जीतने वाला है। इसमें संदेह नहीं है कि इस बार सभी 11 की 11 सीटें भाजपा जीत रही है। जिस तरह से प्रदेश की जनता ने विधानसभा चुनाव में भाजपा पर भरोसा करके प्रदेश में सरकार फिर से बनाने का काम किया है, इस बार लोकसभा चुनाव में सभी सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी जीतेंगे। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंह देव ने ये बातें चुनावी संवाद में हरिभूमि और आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी से कहीं। प्रस्तुत है उनके साथ हुई बातचीत ।

▶लोग सत्ता में आपकी हिस्सेदारी देख रहे थे, कहां संगठन की जिम्मेदारी में पड़ गए

▶ जो जिम्मेदारी मिली है, उसको पूरा करने का हमेशा काम किया है। हमारे मुख्यमंत्री भी पहले संगठन के अध्यक्ष रहे हैं, हमारे उपमुख्यमंत्री अरुण साव भी अध्यक्ष रहे हैं, एक और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और एक मंत्री केदार कश्यप पार्टी के महामंत्री रहे हैं। पाटी में जिनको जो काम मिलता है, वे करते हैं। सत्ता और संगठन के बीच में अच्छा तालमेल रहता है।

▶अध्यक्ष बनते ही परीक्षा की घड़ी के रूप में चुनाव आ गए, कैसे पास होंगे इस परीक्षा में ?

▶बड़ी टीम है भाजपा की। बूथ, मंडल, जिलों की टीम है। विधानसभा चुनाव से पहले ही हमारी लोकसभा को लेकर सारी तैयारी हो चुकी है। सबका साथ लेकर चुनाव में जाएंगे और जीत मिलेगी। हमारी पार्टी ने लक्ष्य रखा है 11 की 11 सीटें जीतने का। इसको लेकर रणनीति बनी है और काम भी हो रहा है। पूरी पार्टी लड़ती है, हर कार्यकर्ता अपनी जान लगाता है

▶सांसदों की टिकट काटने का कारण क्या रहा है?

▶कार्यकर्ताओं और पार्टी के अनुरूप ही सब कुछ तय होता है। निर्णयों में सबकी सहभागिता होती है। सबको मौका मिलता है, कार्यकर्ताओं को भी लगता है कि उनको भी मौका मिल सकता है। सभी लोग मिलकर लड़ेंगे। प्रत्याशी को लेकर कहीं कुछ नहीं है कि इनको होना था, वो क्यों हो गए। ऐसा कुछ नहीं है। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन ने जिनको प्रत्याशी बनाया है, उनको जीत दिलाने के लिए सभी काम कर रहे हैं। 

▶कांग्रेसी जो देश और प्रदेश को बर्बाद करने वाले कहे जाते थे, वो ही अब भाजपा में आ रहे हैं, ऐसे लोग आपके दांये-बांये खड़े दिख रहे हैं?

▶प्रधानमंत्री की कार्यप्रणाली को लेकर जिस तरह से जनता के मन में उत्साह है। कांग्रेस के संगठन में जिनको लगता है कि कांग्रेस में अब कुछ बचा नहीं है वो भाजपा में आ रहे हैं। ये सब लोग हमारे प्रधानमंत्री के कार्यों से प्रभावित होकर भाजपा में आ रहे हैं। भाजपा में कभी किसी को रोका नहीं जाता है, भाजपा सभी का स्वागत करती है। जो भी पार्टी में आना चाहते हैं, उनका स्वागत किया जाता है। 

▶जिनको खलनायक के तौर पर बताया जाता है, उनको नायक के रूप में भाजपा में लिया जा रहा है?

▶ हमने किसी को कभी खलनायक नहीं कहा है। जिनको भाजपा पर विश्वास है जिनको भाजपा क नेतृत्व पर भरोसा है, जिनको लग रहा है कि भाजपा ही देश का विकास कर सकती है, ऐसे लोग भाजपा में आ रहे हैं तो उनको पार्टी में लिया जा रहा है।  हमको भी लगता है कि जिनकी कार्यशैली अपने क्षेत्र में अच्छी है तो उनको पार्टी में लिया जा रहा है। जिनके नाम के प्रस्ताव आते हैं तो उनकी जांच परख करके उनको पार्टी में लिया जा रहा है।

▶ क्या बस्तर और कोरबा की हार ने डराया हुआ है जो कांग्रेसियों को हार पहना रहे हैं?

▶ नहीं ऐसी कोई बात नहीं है। उस समय भी 11 में से 9 सीटें भाजपा ने जीती थी। हर चुनाव में अलग-अलग परिस्थितियां रहती हैं। जरूर कहीं कोई कमी रही होगी, उस समय। हमारी पार्टी ने उसको संज्ञान में लिया है। कोरबा और बस्तर पर अलग रणनीति बनाकर भाजपा इस बार काम कर रही है। इस बार ये दोनों सीटें भी हम जीतेंगे।

▶बस्तर में एक नए कार्यकर्ता महेश कश्यप को मैदान में उतारा गया और कोरबा में राष्ट्रीय महामंत्री रही सरोज पांडेय को उतारा गया है, इसके विषय में कुछ बताएंगे?

▶चुनाव में तो पहला यही रहता है जीत। इसके मापदंड पर जो खरा उतरता है, उसको मैदान में उतारा जाता है। भाजपा में बड़ा आकलन होता है, इसके बाद प्रत्याशी तय होते हैं। दीपक बैज भले प्रदेशाध्यक्ष हैं, उनको हमारे मंडल अध्यक्ष ने चुनाव में हराया है। अब हमारे नए प्रत्याशी भी यह काम लोकसभा चुनाव में करेंगे। महेश कश्यप अच्छे युवा और लोकप्रिय नेता हैं। उनका अच्छा जनाधार है।

▶11 सीटें जीतने का कितना दबाव है आपको कितना पसीना आ जाता है?

▶ कोई पसीना नहीं आता है। पार्टी के एक-एक कार्यकर्ता ने अपनी जिम्मदारी ली हुई है। पूरा संगठन लगा हुआ है। इस बार 11 सीटें जीतेंगे। इनको लेकर पूरी रणनीति बनी है। हम 11 सीटें जीतकर 11 कमल प्रधानमंत्री को देंगे।

▶ मोदी जी के नाम पर चुनाव लड़ा जा रहा है, क्या सोचते हैं?

▶ निश्चित रूप से मोदी जी देश ही नहीं विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। सब उन पर भरोसा करते हैं। अपनी योजनाओं के दम पर भारत को विश्व में ऊपर लाने का काम उन्होंने किया है। उनकी योजना, गांव, गरीब, किसानों की योजनाएं हैं। दस साल में देश का बहुत विकास हुआ है। कोरोना काल में सबकी जान बचाने का काम किया है उन्होंने। एक आरोप नहीं लगा 10 साल में उन पर।

▶ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के तीन माह के कार्यकाल को किस तरह से देखते हैं?

▶ साय जी का चेहरा कोई नया चेहरा नहीं है। प्रदेशाध्यक्ष रहे, केंद्र में मंत्री रहे, सांसद, विधायक रहे। उनका अनुभव बहुत है। श्री साय ने इस बात को सिद्ध करके दिखाया है कि मोदी की गारंटी यानी पूरी होने की गारंटी। अपने तीन माह के कार्यकाल में लगातार मोदी की गारंटी पूरी की जा रही है। सरकार बनते ही 18 लाख परिवारों के लिए आवास, इसके बाद किसानों को दो साल के धान का बोनस, फिर किसानों को 31 सौ रुपए में 21 क्विंटल धान खरीदी की अंतर की राशि, महतारी वंदन योजना में प्रदेश की महतारियों को एक-एक हजार रुपए देने का काम, तेंदूपत्ता संग्राहकों को चार हजार से 55 सौ रुपए देने का वादा पूरा करने से लेकर मोदी की गारंटी को लगातार पूरा करने का कम हो रहा है।

▶बृजमोहन अग्रवाल को लोकसभा का चुनाव लड़ाया जा रहा है, कुछ बनाए जा रहे हैं या निपटाए जा रहे हैं, यह सवाल लोगों के मन में है?

▶ बृजमोहन अग्रवाल बड़े कद्दावर नेता है। पार्टी में तय किया गया है कि हर सीट में ऐसा प्रत्याशी खड़ा करना है जो जीते। बृजमोहन अग्रवाल का रिकॉर्ड रहा है कभी वे चुनाव हारे नहीं हैं। इसलिए पार्टी ने उनको लोकसभा में चुनाव लड़ाने का फैसला किया है। उनके चुनाव लड़ने से भाजपा के लिए आस-पास का वातावरण भी अच्छा रहता है।

▶ कांग्रेस तो कई कद्दावर नेताओं को चुनाव लड़वा रही है?

▶ कांग्रेस के जितने भी कद्दावर नेता हैं, एक भी अपनी सीट से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, ऐसे भी क्या कद्दावर नेता हैं ये? पूर्व मुख्यमंत्री दुर्ग छोड़कर राजनांदगांव गए। ताम्रध्वज साहू दुर्ग छोड़कर महासमुंद गए हैं। शिव डहरिया जांजगीर चांपा गए हैं।

▶ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहते हैं भाजपा की असली ताकत को ईडी और सीबीआई है, अब तो पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला दर्ज हो गया है, क्या कहते हैं?

▶ मुझे लगता है जांच एजेंसियों का सामना करना चाहिए। कोई अगर निर्दोष है तो उनको डर किस बात का है। महादेव ऐप तो छत्तीसगढ़ का नाम बहुत ऊपर तक ले गया हैं। जांच में जो नाम सामने आए हैं उनसे पूछताछ होगी और कार्रवाई भी होगी।

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