'जल जगार' रह गया दिखावा : तालाबों को भरने के लिए सोंढूर बांध से छोड़ा गया लाखों लीटर पानी खेतों में भरकर हुआ बर्बाद

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सोंढूर बांध का पानी खेत से होकर दूसरों खेतों में फैला
जल संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में जिला प्रशासन धमतरी ने 'जल जगार' कार्यक्रम को महोत्सव के रूप में मनाया गया था। लेकिन चंद महीनों में ही अफसर अपनी असलियत पर आ गए।

अंगेश हिरवानी-नगरी। एक-एक बूंद को सहेजने और जल संसाधनों को सुरक्षित रखने की शपथ दिलाकर जल संरक्षण को बढ़ावा देने की दिशा में जिला प्रशासन धमतरी ने कुछ माह पहले ही 'जल जगार' कार्यक्रम को महोत्सव के रूप में मनाया गया था। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पहुंचकर जिला प्रशासन की पीठ थपथपाई थी।

यह आयोजन 5 और 6 अक्टूबर 2024 को गंगरेल में संपन्न हुआ था। आयोजन में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए थे। वहीं जिले के विभिन्न जगहों पर दीवाल लेखन, जगह- जगह रैली, प्रतियोगिता इत्यादि अनेक कार्यक्रम हुए थे। इस कार्यक्रम के कुछ ही महीने के बाद इस भीषण गर्मी में इसी जिले में पानी की भयंकर बर्बादी देखने को मिल रही है।

सोंढूर बांध से छोड़ा गया है पानी
मामला है धमतरी जिले के नगरी-सिहावा क्षेत्र का, जहां आम जनता की निस्तारी के लिए तालाब, पोखरों में पानी की उपलब्धता बनाए रखने के लिए सिंचाई विभाग ने सोंढूर बांध से नहरों के माध्यम से पानी छोड़ा है। क्षेत्र के तालाबों को भरने के लिए विभाग द्वारा कोई ठोस व्यवस्था नहीं की गई है, केवल नहरों से तालाबों तक पानी को छोड़ दिया गया है। जिससे खेत लबालब होकर तालाब का आकार ले रहे हैं। आलम यह है कि, यह पानी एक खेत से होकर दूसरों खेतों में बहते-बहते बहुत बड़े क्षेत्र तक फैल गया है। यदि नहर से तालाब तक पानी ले जाने के लिए खेतों के किनारों से नाली बनाकर व्यवस्था किया जाता तो लाखों लीटर पानी की बर्बादी होने से बचाया जा सकता था।

पानी की बर्बादी निराशाजनक
बता दें कि, इस भीषण गर्मी में देश के विभिन्न राज्यों के साथ प्रदेश के कई हिस्सों में लोग पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। पानी के लिए लोग मरने-मारने पर उतारू हो रहे हैं वहीं इस प्रकार की खबर आना बहुत ही निराशाजनक है। जल है तो कल है का नारा केवल दीवाल में लिखने से पूरा नहीं होता इसकी जिम्मेदारी आम जनता के साथ साथ संबंधित विभाग के अधिकारी कर्मचारियों की ज्यादा होती है। यदि आज हम पानी की एक एक बूंद को नहीं सहेजेंगे तो निश्चित ही हमारा कल और हमारा अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा।

Sondhur Dam Water released ponds filled fields

धमतरी-रूद्री दौरे पर रहे अधिकारी
इस संबंध में पक्ष जानने के लिए हमारे संवाददाता अंगेश हिरवानी ने नगरी स्थित सिंचाई विभाग कार्यालय का दौर किया तो संबंधित अधिकारी धमतरी-रूद्री दौरे में होने जानकारी मिली। जिसके कारण मुलाकात नहीं हो पाई। दूरभाष से संपर्क किए जाने फिल्ड मे कर्मचारी भेजकर जहां बेकार पानी बह रहा है, उसे सुधार करने की बात कही गई।

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