रंगकर्मी हेमंत वैष्णव का निधन: राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजे जा चुके हैं, मंचन से पहले चादर ओढ़कर सो जाते थे

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राजा फोकलवा के मंचन के कलाकर हेमंत वैष्णव का निधन हो गया है। आज शाम 4 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया है। इस नाटक का देशभर में 150 से अधिक बार मंचन हुआ है। जानिए रंगकर्मी हेमंत वैष्णव के रोजक तथ्य

कुश अग्रवाल/रायपुर- प्रसिद्ध रंगकर्मी फोकलवा राजा नाटक के प्रमुख पात्र और वरिष्ठ रंगकर्मी हेमंत वैष्णव का निधन हो गया है। आज सुबह ही उनका निधन हुआ है। आज शाम 4 बजे उनका अंतिम संस्कार मारवाड़ी शमशान घाट टिकरापारा में कर दिया गया है। प्रसिद्ध रंगकर्मी राकेश तिवारी ने निर्देशित नाटक राजा फोकलवा में स्व हेमंत मुख्यपात्र का किरदार निभाया था। इस नाटक का देशभर में 150 से अधिक बार मंचन किया गया है। इन्हें बरकत उल्ला राष्ट्रीय युवा नाटक पुरस्कार राष्ट्रपति के हाथों से सम्मानित किया गया है।

लोक कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका रही

वरिष्ठ रंग कर्मी हेमंत वैष्णव की एक बेहद दिलचस्प बात थी कि, वे राजा फोकलवा के मंचन करने से पहले चादर ओढ़कर सो जाते थे। इसके बाद ही वो राजा फोकलवा का किरदार निभा पाते थे। प्रसिद्ध नाटक राजा फोकलवा के नायक रहे हेमंत वैष्णव लोक कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने हिन्दी और छत्तीसगढ़ी भाषा में कई नाटक भी लिखे हैं।

150 बार से भी ज्यादा मंचन कर चुके हैं

हेमंत वैष्णव राजा फोकलवा का 150 बार से भी ज्यादा मंचन कर चुके हैं। उनकी पत्नी लतिका वैष्णव भी बस्तर आर्ट की कलाकार हैं। इनके दो बच्चे भी हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें, हेमंत वैष्णव बस्तर क्षेत्र के रहने वाले थे। इस वक्त वे प्रोफेसर कॉलोनी में रह रहे थे। उनके चाचा ससुर स्व. हरिहर वैष्णवभी कोंडागांव में बस्तर आर्ट के प्रसिद्ध कलाकार और लेखक रह चुके हैं। जिन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं। इन्हे भी कई पुरस्कार मिल चुके हैं। उनका निधन होने से पहले हेमंत वैष्णव संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन से जुड़कर कला के क्षेत्र में लोगों के लिए काम कर रहे थे।

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