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बेमेतरा के बेरला ब्लाक ग्राम बोरसी स्थित पिरदा बारूद फैक्ट्री में शनिवार को हुए जबरदस्त धमाके से 11 मजदूरों की जान चली गई है। 

भिलाई। इस घटना से नाराज ग्रामीण और लापता मजदूरों के परिजन फैक्ट्री के गेट में तंबू तानकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पीड़ितों की मांग है कि मृतक परिजनों के परिवार को 50 लाख रुपए आर्थिक सहायता और आश्रितों  को सरकारी नौकरी दी जाए।  बेमेतरा बेरला ब्लॉक के स्पेशल ब्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड बोरसी-पिरदा में शनिवार की सुबह 7 बजकर 55 मिनट में जोरदार धमाका हुआ। बारूद का ब्लास्ट इतना जोर का था कि 20 से 25 किलोमीटर के गांवों तक की धरती हिल गई थी। मानो भूकंप आया हो, ग्रामीणों में भय का वातावरण निर्मित हो गया।

धमाके से मौके पर 20 से 25 फीट गहरी खाई बन गई

बारूद फैक्ट्री पीटीएन प्लांट में हुए इस धमाके में मौके पर 20 से 25 फीट गहरी खाई बन गई और तीन मंजिला फैक्ट्री मलबे में तब्दील हो गई। इस प्लांट में पहली पाली में काम करने वाले 10 मजदूर मौके पर दबे हुए हैं। विस्फोट इतना भयनाक था कि मानव अंग के कई टुकड़े इधर- उधर बिखरे हुए हैं। घटना के बाद से एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। जिला प्रशासन की पहल पर एनडीआरएफ की एक बड़ी टुकड़ी रविवार की सुबह 7 बजे बारूद फैक्ट्री पहुंचकर एसडीआरएफ की टीम के संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया। 10 से 15 जेसीबी मशीन और टीम के जवान लगातार मलबा हटाने का काम कर रहे हैं। मलबे से भी मानव अंग के अलग-अलग हिस्से मिल रहे हैं। जिन्हे बड़े ब्लैक कलर के पॉलीथिन में एकत्रित किया जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन को देररात तक संभव है कि पूरा किया जा सकेगा।

पुलिस ने की 8 मजदूरों की गुमशुदगी दर्ज

पिरदा स्थित बारूद फैक्ट्री में शनिवार को पहली पाली में काम पर गए लापता आठ मजदूरों के परिजनों की सूचना पर बेमेतरा कंडकर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की है। पुलिस चौकी प्रभारी मयंक मिश्रा ने हरिभूमि को बताया कि फैक्ट्री में काम करने गए मजदूर शनिवार सुबह 7 बजे से लापता हैं। इन्हीं मजदूरों के फैक्ट्री के मलबे में दबे होने की आशंका भी जताई जा रही है।

गेट के सामने प्रदर्शन

इधर लापता मजदूरों के परिजन और आसपास के ग्रामीणों की बड़ी संख्या फैक्ट्री गेट के पास पंडाल लगाकर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। क्रांति सेना के प्रमुख अमित बघेल भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। अमित बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि, बारूद फैक्ट्री हादसे में कितने मजदूरों की जान गई है यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन हादसे की भयावह स्थिति को 10 से 12 मजदूरों की मौत की आशंका है। अमित बघेल ने यह मांग की है कि मृतक के परिजनों को 50 लाख मुआवजा और आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए। बघेल ने कहा कि जब तक मजदूरों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती और मांगें पूरी नहीं की जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। बेमेतरा प्रशासन लापता मजदूरों के 9 परिजनों को फैक्ट्री के अंदर दोपहर से ले गया है, लेकिन शाम 7 बजे किसी भी मजदूर की साबुत बॉडी रिकवर नहीं हुई थी।

ये लापता

वार्ड-12 ग्राम पिरदा निवासी रामकिशुन ध्रुव उर्फ राजू (19), भिमौरी नीरज ध्रुव पिता जयकुमार ध्रुव (25), वार्ड-15 उफरा शंकर यादव पिता चुरावन यादव (20), वार्ड-2 बोरसी नहर यदु पिता मनहरण यदु (37), वार्ड-3 बोरसी डांगेंद्र साहू पिता स्व. संतोष कुमार साहू (35), वार्ड-18 गब्दा लोकनाथ यादव पिता तुलाराम यादव (19), वार्ड-11 ग्राम पिरदा विजयकुमार देवदास पिता मुन्नालाल देवदास (25), वार्ड-13 पिरदा पुष्पराज देवदास पिता हीरालाल देवदास (22)1

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