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आम लोगों को गर्मी से बचाने के लिए रायपुर के कलेक्टोरेट परिसर में बैम्बू के नये कॉटेज बनाए जा रहे हैं। इन कॉटेज को बस्तर के कलाकार बना रहे हैं। 

रायपुर। राजधानी रायपुर के कलेक्टोरेट परिसर में आम लोगों को गर्मी से बचाने के लिए बैम्बू के नये कॉटेज बनाए जा रहे हैं। इन कॉटेज को बनाने के लिए बस्तर के कलाकारों की टीम पहुंची है, जो पिछले कई दिनों से कॉटेज बनाने में जुटी हुई है। इससे पहले पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी के कार्यकाल में कलेक्टोरेट परिसर में आधा दर्जन बैम्बू के कॉटेज बनाए गए थे, जो रखरखाव के अभाव में टूट-फुट चुके थे। इन कॉटेजों की भी मरम्मत कराई गई है। कलेक्टोरेट में हर दिन हजारों लोग पहुंचते हैं। इनमें कोई अपना काम लेकर, तो कोई समस्या व शिकायत लेकर पहुंचता है। 

परिसर में पंजीयन दफ्तर भी है, जहां हर रोज सैकड़ों लोग रजिस्ट्री कराने भी पहुंचते हैं, जिसके कारण रजिस्ट्री दफ्तर का हाल भी छोटा पड़ जाता है। इसके कारण बड़ी संख्या में लोगों को रजिस्ट्री के लिए अपनी बारी का इंतजार करने खुले आसमान के नीचे धूप में खड़े होना पड़ता था, तो कई लोगों को पेड़ों की छांव के नीचे खड़े होकर इंतजार करना पड़ता था। लोगों को होने वाली इस परेशानी से बचाने के लिए पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी के कार्यकाल में परिसर में आधा दर्जन बैम्बू कॉटेज बनाए गए थे। इन कॉटेजों के बनने के बाद लोगों को गर्मी से राहत के साथ धूप से भी राहत मिलने लगी है ।

एक कॉटेज में 400 बांस का उपयोग

परिसर में एक रजिस्ट्री कार्यालय के सामने और दूसरा जिला पंचायत कार्यालय के सामने बैम्बू कॉटेज का निर्माण कराया जा रहा है। बस्तर के नारायणपुर जिले से आए कलाकारों की टीम के प्रमुख परमेश्वर नाग ने बताया कि पूरा कॉटेज बांस का बनाया जा रहा है। एक कॉटेज बनाने में करीब 4 सौ बांस लग रहे है। उन्होंने बताया कि बांस के कॉटेज गर्मी से काफी राहत देते हैं, इसलिए अब इसकी मांग ज्यादा है।

गर्मी में देंगे राहत

रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह ने बताया कि, कलेक्टोरेट पहुंचने वाले आम लोगों को गर्मी से राहत देने नये बैम्बू कॉटेज का निर्माण कराया जा रहा है। ये कॉटेज पहले से काफी बड़े हैं, जिससे ज्यादा लोग इसमें बैठ पाएंगे।

 

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