हार पर कांग्रेस में रार : समीक्षा की मांग, संगठन में फेरबदल की भी सुगबुगाहट

rajiv bhavan
X
प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में रहते हुए यहां पर विधानसभा चुनाव हारी। अब लोकसभा चुनाव हारने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कामकाज पर भी उंगली उठ रही है।

रायपुर। लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के नेता हार की समीक्षा की मांग उठाने लगे हैं। चुनाव में प्रत्याशी चयन से लेकर अन्य मामलों में पहले भी नाराजगी सामने आई थी। हार के बाद अब वरिष्ठ नेताओं ने कई लोकसभा में बाहर से प्रत्याशी उतारे जाने और स्थानीय लोगों को दरकिनार करने का मुद्दा बना लिया है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में फेरबदल की सुगबुहाट शुरू हो गई है। प्रदेश प्रभारी और कांग्रेस हाईकमान को चुनाव के समय कांग्रेस पदाधिकारियों ने पत्र लिखकर संगठन में अनियमितता सहित कई मामलों से अवगत कराया था।

प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में रहते हुए यहां पर विधानसभा चुनाव हारी। अब लोकसभा चुनाव हारने के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कामकाज पर भी उंगली उठ रही है। लोकसभा चुनाव को लेकर संगठन की ओर से कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को अपने ही प्रत्याशियों पर टिप्पणी किए जाने पर पार्टी से निलंबन और निष्कासन की कार्रवाई की गई थी। कई कांग्रेस नेताओं को नोटिस जारी किया गया, वे पार्टी ही छोड़ कर चले गए। ऐसे में लोकसभा चुनाव में कार्यकर्ता काम करने को तैयार नहीं थे। दूसरे जिलों के कार्यकर्ताओं को ले जाकर चुनाव प्रचार किया गया। स्थानीय लोगों ने वहां पर पार्टी के विरुद्ध कार्य किया जिसके कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा।

संगठन में होंगे फेरबदल

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के ढाई माह पहले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम को बदलकर दीपक बैज को कमान दी गई। पुरानी कार्यकारिणी के आधार पर उन्होंने पार्टी को आगे बढ़ाने का काम किया पर वे चुनाव हार गए। अब भी कांग्रेस संगठन की पूरी कार्यकारिणी नहीं बन पाई है। वहीं हाल कांग्रेस के अन्य विभागों का है जहां पर खींचतान के चलते लोगों में उत्साह नहीं है। दो चुनाव में करारी हार के बाद प्रदेश कांग्रेस संगठन में ऊर्जावान लोगों को आगे बढ़ाने की जरूरत महसूस की जा रही है।

प्रभारी पर लगे आरोप

विधानसभा चुनाव के दौरान काई विधायकों की टिकट कटने के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी और प्रभारी सचिव पर खुलकर आरोप लगाए गए। इस आरोपों के चलते कई लोगों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। इन सभी ने पार्टी से किनारा कर लिया। कुछ लोगों ने अपने आरोप वापस लेते हुए माफी मांगकर लोकसभा चुनाव के समय अपने निष्कासन को वापस करा लिया। आरोपों के चलते नाए प्रभारी सचिन पायलट बनाए गए पर वे पार्टी में जोश भरने में असफल रहे। चुनाव के बाद अब कांग्रेस को मति देने में असफल रहे।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story