सबसे बड़ा एंटी नक्सल आपरेशन : कैसा है कर्रेगुट्टा पहाड़, जिसे जवानों ने घेरा है, देखिए हेलीकॉप्टर से बनाया गया VIDEO

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बीजापुर में तेलंगाना की सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़
छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर कर्रेगुट्टा पहाड़ को हजारों जवनों ने सप्ताहभर से घेर रखा है। कैसा है ये कर्रेगुट्टा पहाड़ ? हम आपको हेलिकाप्टर से वीडियो बनाया गया। 

गणेश मिश्रा- बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में तेलंगाना की सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ को तीन राज्यों के हजारों जवानों ने सप्ताहभर से घेर रखा है। आखिर ऐसी क्या खास बात है कर्रेगुट्टा पहाड़ में? जहां नक्सलियों के टाप लीडर्स महीनेभर का राशन-पानी जमाकर छुपे हुए है?

स्वाभाविक तौर पर आपके जेहन में भी ये सवाल उठ रहे होंगे। कैसी है वहां की भौगौलिक स्थिति? कितना ऊंचा है पहाड़, क्या बहुत बड़ा पहाड़ है? क्या घने जंगलों से घिरा हुआ है? नक्सलियों को पानी कहां से मिल रहा होगा? ऐसे कई सवाल मन में कौंधते हैं। क्या टाप नक्सली लीडर्स जवानों के हाथ लगेंगे? या नक्सली जवानों को चकमा देकर भाग निकलेंगे? इस तरह की चर्चाएं भी चल रही हैं। आपके इन सभी सवालों के जवाब यहां हम देने जा रहे हैं। देखिए कर्रेगुट्टा पहाड़ को हलिकाप्टर से बनाया गया वीडियो। हमें यकीन है कि, आपके सारे सवाल के जवाब इस वीडियो में छुपे हैं। साथ ही इस वीडियो को देखने के बाद कुछ नए सवाल भी आपके मन में उभर सकते हैं। उनके भी जवाब हम आगे देंगे।

चारों ओर से घिरे नक्सली
पहाड़ियों से नीचे उतरते हैं तो जवानों की गोलियों का शिकार हो जाएंगे और अगर जवानों से डर कर लंबे समय तक पहाड़ियों पर ही छुपे रहते हैं तो कहीं ना कहीं डिहाइड्रेशन का शिकार होकर मारे जाने का डर भी निश्चित ही नक्सलियों को सता रहा होगा। दूसरी ओर सरकार और जवान भी इस ऑपरेशन पर तब तक डटे रहने पर अड़े हैं जब तक वो उन पूरी पहाड़ियों पर कब्जा नहीं कर लेते जिन पहाड़ियों में इस समय नक्सली छिपे हुए हैं।

नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी कर शांति वार्ता के पहल की कही बात
ऐसा बताया जा रहा है कि, देश के मोस्ट वांटेड और करोड़ों के इनामी नक्सली कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों पर शरण लिए हुए हैं। जिसकी सूचना के आधार पर ही इस इलाके में देश का सबसे बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया गया है। जवानों के बढ़ते दबाव और मोस्ट वांटेड नक्सली नेताओं के मारे जाने के डर से ही शायद आज इस अभियान के बीच नक्सली नेता रूपेश को एक प्रेस नोट जारी कर सरकार से यह अपील करनी पड़ी कि इस अभियान को तुरंत रोका जाए और शांति वार्ता की पहल की जाए। हो सकता है इन पहाड़ियों से अलग स्थानों पर मौजूद नक्सली नेताओं के इस बात की खबर है कि कर्रेगुट्टा के पहाड़ियों में मौजूद नक्सली नेता और अन्य अगर ऑपरेशन के दौरान बच भी जाते हैं तो वह डिहाइड्रेशन का शिकार होकर मारे जा सकते हैं।

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