सबसे बड़े एंटी नक्सल ऑपरेशन का विरोध : आंध्रा का सामुदायिक मंच नेल्लोर में निकालेगा रैली, बाकायदा पोस्टर छपवाए गए

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कर्रेगुट्टा की पहाड़ी, जिसे जवानों ने घेरा है
‘ऑपरेशन कगार’ के खिलाफ और नक्सलियों की शांति वार्ता के समर्थन में आवाजें उठने लगी हैं। सोमवार को आंध्रप्रदेश का एक संगठन ‘सामुदायिक मंच’ नेल्लोर में रैली निकालेगा। 

गणेश मिश्रा-बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में हजारों जवानों ने कर्रेगुट्टा की पहाड़ी को घेरा है। नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया गया है। बड़ी संख्या में अत्याधुनिक हथियार और हेलीकॉप्टर का प्रयोग इस ऑपरेशन में किया जा रहा है। अब आंध्रप्रदेश के एक संगठन सामुदायिक मंच, नेल्लोर ने छत्तीसगढ़ सरकार से इस ऑपरेशन को रोकने की अपील की है। नक्सलियों के शांति वार्ता के समर्थन में संगठन सोमवार शाम 5 बजे नेल्लोर में रैली निकालेगी।

संगठन ने पत्र जारी कर लिखा कि, मध्य भारत के दंडकारण्य में, केंद्रीय राज्य सरकारों ने सभी संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन किया है। उन्होंने आदिवासी भूमि के नीचे विशाल खनिज भंडार के खनन के लिए अडानी, अंबानी और वेदांत जैसी कंपनियों को अनुमति दी है। अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए, प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आदिवासी लंबे समय से नक्सलियों के नेतृत्व में इन कंपनियों के खनन कार्यों का विरोध करते रहे हैं।

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संगठन द्वारा जारी पोस्टर

भाजपा सरकार पर भी लगाए गंभीर आरोप

चंद अमीरों से देश की संपत्ति लूटने पर आमादा भाजपा सरकार देश की रक्षा में लगने वाली सेना को ‘ऑपरेशन कगार’ के नाम पर लाखों आदिवासी इलाकों में तैनात कर नृशंस नरसंहार कर रही है। एक ओर जहां माओवादी इसके लिए सशस्त्र बलों को दोषी ठहरा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वे बस्तर के कई हिस्सों में हजारों लोगों के साथ लंबे समय से शांति प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले ‘मूलवासी बचाओ मंच’ जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं और इसके नेताओं को जेल में डाल रहे हैं।

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पोस्टर

जवानों पर आदिवासियों की हत्या का आरोप

इस नरसंहार को रोकने और बस्तर में शांति लाने का एकमात्र तरीका सरकार और नक्सल पार्टियों के बीच युद्धविराम और शांति वार्ता है। इस संबंध में देश भर में शांतिवादियों, लोकतंत्रवादियों और न्यायमूर्ति चंद्रकुमार द्वारा गठित शांति समिति के प्रस्तावों के जवाब में नक्सल पार्टी पहले ही युद्धविराम की घोषणा कर चुकी है। लेकिन सरकार की ओर से झूठा जवाबी हमला फिर भी नहीं रुका। 21 अप्रैल को झारखंड में सीआरपीएफ कोबरा बलों ने 8 नक्सलियों और आदिवासियों को मार गिराया। 22 अप्रैल को दस हजार से ज्यादा सुरक्षाबलों ने मुलुगु जिले के कर्रेगुट्टा इलाके को घेर लिया था और बम बरसा रहे थे।

संगठन ऑपरेशन के खिलाफ निकालेगी रैली

इन परिस्थितियों में, लोगों और डेमोक्रेट्स को शांति वार्ता और युद्धविराम पर सहमत होने के लिए सरकार पर दबाव डालने की जरूरत है। यह रैली उसी का हिस्सा है। संगठन सोमवार शाम को 5 बजे वीआरसी ग्राउंड, नेल्लोर। में सरकार के ‘ऑपरेशन कगार’ के खिलाफ रैली निकालेगी।

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