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प्रदेश में तो सीमेंट की डिमांड नहीं के बराबर है, लेकिन सबसे ज्यादा डिमांड बंगाल से आने के कारण सीमेंट कंपनियों ने सीमेंट के दाम 50 रुपए प्रति बोरी पर बढ़ा दिए हैं। 

रायपुर। पश्चिम बंगाल का अब अपने राज्य छत्तीसगढ़ से सीमेंट का कनेक्शन सामने आया है। इसके पहले आलू और प्याज के कनेक्शन के कारण इनकी कीमत में इजाफा हुआ था। अब सीमेंट की कीमत में इजाफा हो गया है। इस समय प्रदेश में तो सीमेंट की डिमांड नहीं के बराबर है, लेकिन सबसे ज्यादा डिमांड बंगाल से आने के कारण यहां पर सीमेंट कंपनियों ने सीमेंट के दाम 50 रुपए प्रति बोरी पर बढ़ा दिए हैं। बंगाल के साथ ही उत्तरप्रदेश, बिहार मध्यप्रदेश, ओडिशा भी भारी मात्रा में सीमेंट जा रहा है।अपने राज्य में हर माह 30 लाख टन सीमेंट का उत्पादन होता है, इसमें से मुश्किल से राज्य में 8 लाख टन की खपत होती है, बाकी दूसरे राज्यों में जाता है।

सीमेंट की कीमत बढ़ने के बाद जहां रायपुर के सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने सीमेंट कंपनियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कीमत कम करने को लेकर केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को पत्र लिखा है, वहीं अब कांग्रेस ने भी इसको लेकर आंदोलन करने का फैसला किया है। श्री साय ने कांग्रेस के आंदोलन पर कहा कि विपक्ष का काम प्रदर्शन करना है, वो अपना धर्म निभाएंगे। प्रदेश की सीमेंट कंपनियां काफी समय से सीमेंट की कीमत बढ़ाने के प्रयास में थीं। प्रदेश के डीलरों के पास लगातार मैसेज किया जा रहा था कि कीमत बढ़ाने वाले हैं, लेकिन प्रदेश के साथ देशभर के राज्यों में लगातार बारिश के कारण में डिमांड न होने से कीमत में इजाफा नहीं हो पा रहा था। अब बंगाल के साथ उप्र, बिहार से डिमांड आने लगी तो सीमेंट कंपनियों को मौका मिल गया और सीमेंट की कीमत में इजाफा कर दिया गया है। जो सीमेंट इस माह के पहले 260 रुपए था, उसकी कीमत 310 रुपए कर दी गई है।

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प्रदेश में डिमांड ही नहीं

इस समय प्रदेश में मानसून के कारण जहां सभी निजी काम बंद हैं, वहीं सरकारी काम भी नहीं के बराबर चल रहे हैं। ऐसे में कहीं कोई डिमांड नहीं है। बिल्डिंग मटेरियल से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि जिन कारोबारियों के यहां रोज एक ट्रक से ज्यादा माल खप जाता था, उनके यहां दस बोरी सीमेंट भी नहीं बिक रहा है। यही वजह है कि प्रदेश के डीलर और छोटे कारोबारी माल ही नहीं ले रहे हैं। इसके बाद भी अब कीमत बढ़ा दी गई हैं तो कारोबारियों ने और ज्यादा हाथ खड़े कर दिए हैं।

साय बोले- विपक्ष का धर्म

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कांग्रेस के आंदोलन पर कहा कि विपक्ष का काम प्रदर्शन करना है, वो अपना धर्म निभाएंगे।

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दूसरे राज्यों में ज्यादा डिमांड

अपने प्रदेश की सीमेंट कंपनियों का सीमेंट ज्यादातर दूसरे राज्यों में ही जाता है। जानकारों के मुताबिक, प्रदेश में हर माह बनने वाले 30 लाख टन सीमेंट में से करीब 22 लाख टन सीमेंट दूसरे राज्यों में जाता है। जानकारों का यह भी कहना है कि बाहर के राज्यों में जाने वाले सीमेंट की कीमत भी अलग-अलग रहती है। मप्र में वहां की सीमेंट कंपनियों की कीमत कम होने के कारण यहां की कंपनियां वहां पर कम कीमत पर सीमेंट भेज रही हैं, जबकि बंगाल सहित दूसरे ऐसे राज्य, जहां पर सीमेंट का उत्पादन नहीं होता, वहां पर ज्यादा कीमत पर सीमेंट भेजा जा रहा है।

बीते साल 370 रुपए गई थी कीमत

सीमेंट कंपनियां हर साल मानसून में रेट बढ़ाने का काम करती हैं। बीते साल तो कीमत 370 रुपए तक बढ़ा दी गई थी। तब डिमांड न होने के कारण कीमत को कम कर दिया गया था। कारोबारियों के मुताबिक सीमेंट कंपनियों को अपना हर माह का कोटा पूरा करना रहता है, ऐसे में हमेशा मानसून के समय में रेट बढ़ाने का हल्ला मचाकर अपना कोटा पूरा किया जाता है, क्योंकि इस समय डिमांड कम रहती है। रेट बढ़ाने की संभावना को देखते हुए कई डीलर माल का स्टॉक कर लेते हैं। कंपनियों का जब कोटा पूरा हो जाता है को कीमत को कम भी कर दिया जाता है।  

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