फर्जी भूमि बिक्री कांड में तहसीलदार सस्पेंड : पहाड़ी कोरवा की जमीन चढ़ा दी दूसरे के नाम, जांच के बाद आयुक्त ने गिराई गाज 

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आयुक्त कार्यालय
बलरामपुर जिले में पहाड़ी कोरवा की जमीन को फर्जी तरीके से बिक्री कर दी गई। मामला उजागर होने के बाद सरगुजा संभाग के आयुक्त ने तत्कालीन तहसीलदार यशवंत कुमार को निलंबित कर दिया है।

घनश्याम सोनी-बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में पहाड़ी कोरवा की जमीन को फर्जी तरीके से बिक्री कर दी गई। मामला उजागर होने के बाद सरगुजा संभाग के आयुक्त ने तत्कालीन तहसीलदार यशवंत कुमार को निलंबित कर दिया है। राजपुर विकासखंड के भेस्की में पहाड़ी कोरवा की जमीन को फर्जी तरीके से बचने का मामला सामने आया था।

जांच रिपोर्ट में पाया गया कि तत्कालीन तहसीलदार एवं प्रभारी उप पंजीयक राजपुर श्री यशवंत कुमार के द्वारा ग्राम भेस्की निवासी जुबारो की जमीन को क्रेता शिवाराम के मध्य पंजीकृत बिक्रयनामा निष्पादित किया गया। जबकि भूमि सह-हिस्सेदार की है के कारण पंजीयक द्वारा संपत्ति अंतरण अधिनियम पर विचार-विमर्श किये बिना पंजीयन नहीं किया जा सकता है। चूंकि बिक्रेता पहाड़ी कोरवा विशेष जनजाति समुदाय का व्यक्ति है और कलेक्टर सरगुजा के आदेश के द्वारा पहाड़ी कोरवा/पण्डो/मझवार तथा मांझी जनजाति की भूमि सक्षम अधिकारी के पूर्व अनुमति प्राप्त किये बिना खरीदी-बिक्री नहीं की जा सकती।

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सिविल सेवा आचरण नियम के तहत किया सस्पेंड

इस प्रकार जुबारो की जमीन को क्रेता एवं अन्य के साथ मिलकर संयुक्त खाते की भूमि को छलपूर्वक एवं धोखाधड़ी कर संगठित अपराध किया गया है। तत्कालिन प्रभारी उप पंजीयक यशवंत कुमार के द्वारा उक्त आदेश का स्पस्ट उल्लंघन किया गया है, जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विरूद्ध है। इस संबंध में सरगुजा संभागायुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा के द्वार तत्कालीन तहसीलदार एवं प्रभारी उप पंजीयक को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1)(क)(ख) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है तथा उनका मुख्यालय कार्यालय कलेक्टर सूरजपुर, जिला सूरजपूर नियत किया गया है। निलंबन अवधि में श्री कुमार को जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

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