एक और घोटाला उजागर : आदिम जाति सहकारी समिति में 23 करोड़ की गड़बड़ी पकड़ी गई, CEO सहित 7 कर्मियों पर FIR के निर्देश

संतोष कश्यप- अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में आदिम जाति सहकारी समिति जमडी में करोड़ों रुपए की गड़बड़ी उजागर हुई है। जांच में 23 करोड़ की गड़बड़ी उजागर हुई है। ऐसे में सहकारी बैंक के CEO सहित 7 कर्मियों पर FIR होगी।
शंकरगढ़ और कुसमी सहकारी बैंक में वर्ष 2012 से 2022 के बीच ऑडिट रिपोर्ट में आया करोड़ो की गड़बड़ी का मामला सामने आया है। प्रशासन द्वारा गठित जांच टीम की रिपोर्ट में सिर्फ चार बैंक से ही 23 करोड़ रुपए से भी अधिक का घोटाला सामने आया है। निजी व्यावसायिक संस्थानों के खातों का भी उपयोग हुआ है। बगैर वाउचर दस्तावेज के करोड़ो रुपए आहरित हो गए। इस मामले का खुलासा 2024 के ऑडिट रिपोर्ट से सामने आया है।
अंबिकापुर में आदिम जाति सहकारी समिति जमडी में करोड़ों रुपए की गड़बड़ी उजागर हुई है। जांच में 23 करोड़ की गड़बड़ी उजागर हुई है। ऐसे में सहकारी बैंक के CEO सहित 7 कर्मियों पर FIR होगी। pic.twitter.com/u2FiVjHpKd
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) May 5, 2025
कलेक्टर ने दिए FIR के निर्देश
इस मामले के सामने आने के बाद कलेक्टर सरगुजा और जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के प्राधिकृत अधिकारी विलास भास्कर ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के CEO सहित 7 लोगों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।
सहकारी बैंक में 10 करोड़ रुपए गबन
राज्य सहकारी बैंक बरमकेला में करीब 10 करोड़ रुपए के गबन का मामला सामने आया है। जांच में मामला सही पाए जाने पर बरमकेला पुलिस ने शाखा प्रबंधक सहित आधा दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। रिपोर्टकर्ता राधास्वामी नगर रायपुर निवासी अरविंद शुक्ला पिता स्व. एसके शुक्ला उम्र 56 वर्ष छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक मर्यादित शाखा बरमकेला में शाखा प्रबंधक के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया कि छग राज्य सहकारी बैंक मर्यादित मुख्यालय नवा रायपुर के आदेश के अनुसार शाखा शुक्ला पिता स्व. एसके शुक्ला उम्र 56 वर्ष छग राज्य सहकारी बैंक मर्यादित शाखा बरमकेला में शाखा प्रबंधक के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक मर्यादित मुख्यालय नवा रायपुर के आदेश के अनुसार शाखा बरमकेला में हुए गबन के संबंध में जांच दल का गठन किया गया था। अप्रैल 2024 से नवंबर 2024 के मध्य बैंक लेनदेन के संबंध में जांच किया गया।
