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सामान्य प्रशासन विभाग का अभिमत और सहमति लिए बिना प्रशासकीय विभाग अपने विभाग के भर्ती नियम नहीं बदल सकते।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कुछ सरकारी विभागों ने सरकार की अनुमति लिए बिना भर्ती नियमों में बदलाव कर भर्तियां कर लीं? इस बारे में जानकारी सामने आने पर सामान्य प्रशासन विभाग ने ये आदेश जारी किया है कि सामान्य प्रशासन विभाग का अभिमत और सहमति लिए बिना प्रशासकीय विभाग अपने विभाग के भर्ती नियम नहीं बदल सकते। अब सरकार ने सभी विभागों को बताया कि अगर भर्ती का नियम बदलना है, तो कौन सा तरीका अपनाना है। 

इस मामले को लेकर सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने शासन के सभी विभाग, अध्यक्ष राजस्व मंडल बिलासपुर, सभी विभागाध्यक्ष, सभी संभागीय आयुक्त और सभी कलेक्टरों को निर्देश भेजा है। सरकार ने माना है कि प्रायः यह देख जा रहा है कि कतिपय विभागों द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग (नियम शाखा) से अभिमत प्राप्त किए उनके भर्ती नियमों में संशोधन कर भर्ती कर रहे हैं। यह शासन के कार्य आवंटन विभाग नियम के अनुसार उचित नहीं है।

भारसाधक मंत्री का अनुमोदन जरूरी 

सामान्य प्रशासन विभाग ने एक तरफ विभागों की गड़बड़ी पकड़ी है। लेकिन इसके साथ ही विभागों को बताया कि अगर भर्ती नियम में बदलाव करना भी हुआ तो क्या प्रक्रिया अपनानी होगी। इस संबंध में कहा गया है कि प्रशासकीय विभागों द्वारा उनके भर्ती नियम में प्रस्तावित संशोधन किया जाना हो तो सबसे पहले भर्ती नियम में प्रस्तावित संशोधन के संबोधन के संबंध में विभाग के भारसाधक मंत्री का प्रशासकीय अनुमोदन प्राप्त करना होगा। इसके साथ ही अभिमत के लिए सामान्य प्रशासन विभाग की नियम शाखा को भेजना होगा।

न्यायालयीन प्रकरण बनने की संभावना

सरकार ने माना है कि प्रशासकीय विभागों द्वारा अपने विभागों के भर्ती नियम बदलने की वजह से न्यायालयी प्रकरण बनने की संभावना है। इसे इस तरह समझा जा सकता है कि अगर किसी विभाग ने अपने हिसाब से भर्ती नियम में बदलाव करके भर्तियां कर ली तो जाहिर है इसमें नियम प्रक्रिया का उल्लंघन होगा। ऐसे में भर्ती से वंचित कोई भी व्यक्ति अदालत में जा सकता है। इसकी वजह से पूरी भर्ती प्रक्रिया पर भी रोक लगाने का आदेश जारी हो सकता है।

पीएससी की अनुमति भी आवश्यक

इसी निर्देश में कहा गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दिए गए अभिमत के आधार पर सामान्य प्रशासन द्वारा अनुमोदित संशोधन अधिसूचना का प्रारूप छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की सहमति भी आवश्यकतानुसार प्राप्त करनी होगी। इसके अलावा विधि और विधायी विभाग से परिमार्जन कराकर अधिसूचना का छत्तीसगढ़ के राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित कराना होगा। राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना की प्रति भी सामान्य प्रशासन विभाग को भेजें और इसके बाद ही भर्ती की जाए।

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