नवनियुक्त मंत्रियों को कक्ष आवंटित: खुशवंत साहेब को M1 ब्लॉक, गजेंद्र यादव को M3, राजेश अग्रवाल को M4 हुआ एलॉट

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नवनियुक्त मंत्रियों को मंत्रालय भवन में आवंटित हुआ कक्ष

छत्तीसगढ़ के नए नवनियुक्त मंत्रियों को मंत्रालय में कक्ष आवंटित कर दिया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नए नवनियुक्त मंत्रियों को मंत्रालय में कक्ष आवंटित कर दिया गया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है। मंत्री गुरु खुशवंत साहेब को M1 ब्लॉक में 1 से 5 तक कक्ष एलॉट हुआ है। जबकि मंत्री गजेंद्र यादव को M3 ब्लॉक में 8 से 12 तक कक्ष एलॉट है। वहीं मंत्री राजेश अग्रवाल को M4 में 23 से 26 कक्ष तक एलॉट किया गया है।

छत्तीसगढ़ में तीन नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण के साथ ही प्रदेश में मंत्रियों की संख्या 13 हो गई है। मंत्रालय के मंत्री ब्लॉक में 12 ही कमरे हैं। तेरहवें मंत्री के लिए यहां कमरा ही नहीं है। ऐसे में जीएडी के अधिकारियों ने मंत्रियों के कमरे के लिए ऊपर से अनुमति मांगी है।



13 मंत्री के लिए 12 कमरे
मंत्रालय में मंत्री स्तर के 12 ही कमरे बनवाए गए थे। लेकिन अब छत्तीसगढ़ में अब 13 मंत्री बन गए हैं। मंत्रालय के मंत्री ब्लॉक में पांच फ्लोर हैं। पांचवे फ्लोर में मुख्यमंत्री बैठते हैं और उनके सचिवालय के अधिकारियों का चैंबर है। उसके नीचे के चार फ्लोर मंत्रियों और उनके स्टाफ के लिए है। एक फ्लोर में तीन मंत्री के चैंबर हैं। अब मंत्री की संख्या 13 हो गई है। तीन मंत्री बनने से मंत्री लेवल के कमरे बचे हैं दो ही।

एक कमरे का जुगाड़
सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, तीन में से दो मंत्रियों के लिए कमरा है, तीसरे के लिए नहीं। तीसरे मंत्री के लिए कमरे की व्यवस्था कहां से करें, इसे लेकर जीएडी के अफसरों ने अनुमति मांगी है। जीएडी ने फिलहाल दो छोटे कमरों को जोड़कर एक मंत्री के लिए वैकल्पिक इंतजाम किया है, मगर दो कमरों को जोड़ने के बाद भी कमरा वैसा नहीं बन पा रहा, जैसे मंत्री पूल के 12 कमरे हैं। जीएडी के अधिकारियों ने इसके लिए ऊपर से मार्गदर्शन मांगा है कि किस मंत्री को छोटा कमरा दिया जाए।

सचिवों के कमरे की कमी
नया मंत्रालय जब बना था, उस समय दो-दो, तीन-तीन का आईएएस का बैच आता था। उस समय एक दर्जन से कुछ अधिक सचिव होते थे। अब सचिवों की संख्या बढ़कर 50 से ऊपर पहुंच गई है। ऐसे में सचिवों के बैठने के लिए कमरे ही नहीं हैं। उन्हें संसदीय सचिवों के कमरों में बैठाया जा रहा है। सचिवों और मंत्रियों के कमरों की साइज भी काफी लंबी-चौड़ी कर दी गई। अगर साइज कम की गई होती, तो फिर और कमरे निकल गए होते। हालांकि, नया रायपुर में जगह की कमी थी नहीं। अलबत्ता, सरकार अब मंत्रालय बिल्डिंग के एक्सपेंशन पर विचार कर रही है।

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