'फख्र-ए-मिल्लत अवार्ड': नारायणपुर में सजी जिक्र-ए-शोहदा-ए-कर्बला की रूहानी महफिल, वरिष्ठ लोगों को किया गया सम्मानित

वरिष्ठों को सम्मानित करते हुए इमरान खान
इमरान खान- नारायणपुर। अंजुमन इस्लामिया कमेटी नारायणपुर की जानिब से मंगलवार की शाम कर्बला के शोहदा की याद में एक पुरअसर, रूहानी और दीनी महफ़िल का आयोजन किया गया। इस मौके पर 'फख्र-ए-मिल्लत अवार्ड' से उन चुनिंदा शख्सियतों को नवाज़ा गया। जिन्होंने अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम करके न सिर्फ नारायणपुर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया।
मुख्य अतिथियों की रौनक ने महफ़िल को किया रोशन
कार्यक्रम की शान बढ़ाने वाले मुख्यतिथियों का मंच पर भव्य स्वागत किया गया। उनके सम्मान में इस्तेकबाल के फूल बरसाए गए और दस्तारबंदी के साथ तहेदिल से शुक्रिया अदा किया गया। इस मौके पर सर्व प्रथम पद्मश्री पंडीराम मंडावी का स्वागत अंजुमन इस्लामिया कमेटी नारायणपुर के सदर मोहम्मद इमरान खान के द्वारा किया गया। वहीं सर्व आदिवासी समाज के संरक्षण रूपसाय सलाम का स्वागत सय्यद अख्तर अली के द्वारा किया है। सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी अध्यक्ष सदानंद ठाकुर का स्वागत इलीयास भाई के द्वारा किया। इसी तरह महेश नाग स्वागत मोहम्मद यूसुफ सर और धनसिंह बघेल का स्वागत एके. फरीदी सर के द्वारा किया गया। विशेष अतिथि गोपाल कुलदीप का स्वागत इकबाल कुरैशी और रामसिंह वरदा का स्वागत यंग कमेटी के अध्यक्ष आसिफ मेमन के द्वारा किया गया।

इन्हें मिला अवार्ड
1. अज़मत फरीदी (मल्लखम्ब, IGT विजेता) – सम्मानित: को अवॉर्ड पद्मश्री पंडीराम मंडावी के द्वारा किया गया।
2. यश कुमार वरदा (क्रिकेट)- सम्मानित को अवॉर्ड मोहम्मद हुसैन साहब के द्वारा किया गया।
3. कारी फरहान कुरैशी (जामिअतुर रज़ा, बरेली शरीफ)- सम्मानित का सम्मान सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी अध्यक्ष सदाराम ठाकुर के द्वारा किया गया।
4. धनसिंह बघेल (स्वास्थ्य सेवा)- सम्मानित का सम्मान जनाब तौकीर अहमद के द्वारा किया गया।
5. शादान फारूकी (वकालत)- सम्मानित रूपसाय सलाम और खुशबू नाग (वेट लिफ्टिंग व बॉडी बिल्डिंग)।
मुफ़्ती शेर मोहम्मद साहब की तकरीर से महफ़िल में रूहानी रंग
इस पाकीज़ा महफ़िल में खास तौर से लखनऊ से तशरीफ लाए मुफ़्ती शेर मोहम्मद साहब किबला ने कर्बला के वाक़िये पर रौशनी डालते हुए गहराई से बताया कि हुसैनी काफ़िला किन हालात से गुज़रा। उन्होंने कहा कि, कर्बला इबादत का मन्ज़र नहीं, सब्र, हिम्मत और हक़ की सर बुलंदी का सबूत है। इमाम हुसैन अ.स. ने ज़ुल्म के सामने सर झुकाने के बजाय क़ुर्बानी को चुना, और यही हर दौर के इंसान के लिए पैग़ाम है कि हक़ के लिए खड़े हो जाओ, चाहे मैदान कितना ही तंग क्यों न हो। उनकी पुरअसर तक़रीर से पूरी महफ़िल में खामोशी और सन्नाटा तारी हो गया और हर शख्स की आंखें नम थीं।

क़ारी फरहान कुरैशी: शहर का सरमाया
क़ारी फरहान कुरैशी की तालीमी कामयाबी पर भी रोशनी डाली गई, जिन्होंने 2022 में जामिअतुर रज़ा, बरेली शरीफ में दाखिला लेकर नारायणपुर की पहचान देश के दीनी हल्कों में मजबूत की। उनका दाखिला उन चंद सौ छात्रों में हुआ जिन्हें 50-60 हज़ार तलबा में से चुना गया। ये बात पूरे शहर के लिए फख्र का सबब बनी। महफ़िल में अनेक गणमान्य नागरिक, इमाम, उलेमा और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए।
ये वरिष्ठ लोग रहे उपस्थित
इस कार्यक्रम में हाफिज रब्बानी साहब,मौलाना अबुल वफा साहब, मौलाना मुबारक, मौलाना अब्दुल माबूद साहब, हाजी जावेद भाई, एस.बी. फरीदी, ए.के. फारूकी, कारी मुनव्वर हाफिज रब्बानी, मौलाना मुबारक शेख तोहिद, अशफाक अहमद, शेख तनवीर, मोहम्मद आरिफ, मोहम्मद इलियास अनवर अली, रेहान अली, मोहम्मद शाहिर इकबाल कुरैशी, महमूद खान एवं अन्य मुस्लिम समाज की महिला और पुरुष सहित कई सामाजिक पदाधिकारी मौजूद रहे।
