3 महीने का चावल एक साथ: शक्कर, नमक के लिए जाना पड़ेगा पीडीएस दुकान, एपीएल के लिए पहले जैसा ही होगा नियम

सैय्यद वाजिद-मुंगेली। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के तहत बीपीएल राशन कार्डधारकों को बरसात के मौसम में 3 महीने का राशन एक साथ जून महीने में ही वितरित करने का फैसला लिया गया है। यह फैसला राज्य सरकार ने पहली बार लिया है।
मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के अंतर्गत पहली बार बीपीएल कार्डधारियों को वर्षा ऋतु पर जून, जुलाई और अगस्त तीन महीने का चावल एक साथ जून महीने में वितरित किया जाएगा। मुंगेली जिले के सभी 397 दुकानों में 10 जून तक भंडारण करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही जिले के अचानकमार टाइगर रिजर्व के 9 दुकानों में जो वर्षा ऋतु में पहुँचविहीन हो जाते हैं उनके लिए 4 महीने का राशन एक साथ वितरण किया जाएगा।

तीन महीने का चावल एक साथ मिलने से हितग्राही खुश
राशन लेने के लिए जिले के बाकी 387 पीडीएस दुकान के लिए बीपीएल कार्डधारियों को जाकर 3 महीने के चावल के लिए 6 बार अपने थम्ब का स्कैन करवाना है, जिसके बाद उन्हें तीन माह का चावल एक साथ दे दिया जाएगा। शक्कर और नमक के लिए उन्हें राशन दुकान जाकर लेना पड़ेगा। इस सामग्री को एक साथ नहीं दिया जाएगा। तो वहीं एपीएल कार्डधारियों को हर महीने ही अपना राशन दुकानों में जाकर लेना पड़ेगा। उन्हें एक साथ चावल देने का कोई निर्देश नहीं दिया गया है। ऐसे में हितग्राही तीन महीने के चावल एक साथ मिलने को लेकर खुशी जाहिर कर रहे हैं।
एक साथ चावल वितरण करने में होगी दिक्कत- पीडीएस दुकान संचालक
जबकि पीडीएस दुकान संचालक असमंजस में हैं उनका कहना है कि, एक साथ चावल को वितरण करने में दिक्कत होगी। इसके लिए 6 बार थम्ब लगाने में समय बर्बाद होगा साथ ही भंडारण के लिए उनके पास जगह नहीं है। वहीं कुछ दुकानदार इसे सही बता रहे हैं। उनका कहना है कि, भंडारण करके उन्हें राशन दिया जाएगा।

मामले में गरमाई सियासत
एक साथ खाद्यान्न वितरण को लेकर अब राजनीति भी तेज हो गई है। पक्ष जहाँ इसे शासन की कल्याणकारी नीति बता रही है। बीजेपी नेता मोहन मल्लाह का कहना है कि, हम गरीबों के साथ चावल उत्सव मनाने जा रहे हैं और इसका लाभ गरीब कार्डधारकों को सीधा मिल रहा है। वहीं विपक्ष का कहना है कि, सरकार अपने भार को गरीबों के ऊपर लाद रही है। कांग्रेस के नगरपालिका अध्यक्ष रोहित शुक्ला का कहना है कि, इनके पास भंडारण रखने की क्षमता नहीं है तो गरीबो को थोप रहे हैं। एक साथ 3 महीने के चावल वितरण से कालाबाजारी होगी इससे दलालों को खुली छूट दी गई है और गरीबों के राशन की लूट होगी। सभी पीडीएस दुकान सड़क पहुंच मार्ग पर हैं आखिर शक्कर और नमक के लिए दुकान तो जाना पड़ेगा ये सरकार की घटिया नीति है। इससे हितग्राहियों को कोई लाभ नहीं होगा। यह सीधा गरीबों का दोहन है।
बड़ी मात्रा में शासकीय चावल की हो सकती है कालाबाजारी
मानसून के दौरान जिले की 397 उचित मूल्य दुकानें जिसमें से 9 ऐसी दुकान जो बारिश के दौरान पहुंच विहीन हो जाती हैं। ऐसे में उन दुकानों में भी विशेष तैयारी की गई है। जून माह में ही इन दुकानों में अग्रिम चावल भण्डारण की कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि बारिश के समय भी राशन का वितरण जारी रहे। बहरहाल ऐसे में एक बात यह भी निकलकर आती है बाजार में चावल की बम्फर आवक होगी। चावल बाजार में घूमकर सीधा राइस मिल तक पहुंच जाते हैं इसके लिए विशेष निगरानी और जांच की आवश्यकता भी है जिससे शासकीय चावल की कालाबाजारी रोकी जा सके।
गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं, होगी कार्रवाई- खाद्य अधिकारी
जिला खाद्य अधिकारी ने बताया है कि, राज्य सरकार के निर्देशन का परिपालन करते हुए 3 महीने की चावल को एक साथ देने की तैयारी है। इसके लिए भंडारण के लिए 10 जून तक लक्ष्य तय किया गया है। इसके क्रियान्वयन की तैयारी के लिए निर्देश दिए गए हैं और पीडीएस दुकान के संचालकों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है। किसी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, उनपर कार्रवाई होगी।
