घर से पकड़ाया सागौन लकड़ी का जखीरा: वन विभाग ने मारी रेड तो मिली फैक्ट्री, पैरा में छिपाकर रखी थी लकड़ियां

stock of teak wood
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सागौन की लकड़ियों का जखीरा 

वन परिक्षेत्र अंबागढ़ चौकी के ग्राम नेताम टोला मे अवैध रूप से चल रहे बेशकीमती सागौन लकड़ी बरामद की गई है। वन विभाग ने दबिश देकर इस लकड़ी के जखीरे को पकड़ा है।

एनिशपुरी गोस्वामी- मोहला। छत्तीसगढ़ के वन परिक्षेत्र अंबागढ़ चौकी के ग्राम नेताम टोला मे अवैध रूप से चल रहे बेशकीमती सागौन लकड़ी के अवैध कारोबार का भांडाफोड हुआ है। गांव के एक घर और बाडी से वनमंडल अधिकारी दिनेश पटेल के निर्देश मे सर्च वारंट लेकर गांव पहुंची। वन महकमें की टीम को डेढ ट्रक सागौन चिरान एवं लठ्ठा बरामद करने में सफलता मिली है। वन विभाग के अनुसार मोहला, मानपुर- अंबागढ़, चौकी जिले में अब तक की यह सबसे बडी करवाई और बरामदगी है।

वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 18 जून दोपहर को फारेस्ट विभाग की अलग- अलग टीम एसडीओ फॉरेस्ट महेंद्र कुमार सिरदार के नेतृत्व में ग्राम पंचायत अरजकुंड के आश्रित ग्राम नेताम टोला पहुंचे। सर्च वारंट के आधार पर नेतामटोला निवासी पंचू पन्द्रे पिता सुखलाल पन्द्रे के घर छापा मारा वन विभाग के कार्रवाई के दौरान आरोपी पंचू के घर से बेहद मात्रा में सागौन के चिरान मिलने का सिलसिला शुरू हुआ। कार्रवाई चल ही रही थी कि चिरान के साथ-साथ घर के बाडी के पैराट में छुपाकर रखे हुए सागौन का मोटा- मोटा गोला बरामद करनें मे वन विभाग को सफलता मिली है।


कार्रवाई बरामदगी के लिए दो दिनों से जुटा हुआ है विभाग
वनमण्डलाधिकारी दिनेश पटेल के निर्देश में वन परिक्षेत्र चौकी के अंतर्गत नेताम टोला में पंचु राम के घर में छापा मारा गया। पंचु राम के घर एवं बाड़ी से 115 नग सागौन लठ्ठा एवं 92 नग सागौन डेढ ट्रक चिरान छापे में जप्त की गई। कुल 6.820 घन मीटर लकड़ी जप्त किया गया है। जिसका विधिवत कार्यवाही किया जा रहा है। बरामद सागौन की कीमत लाखों रुपए में आका गया है।

बड़ा सवाल कहां से पहुंचा सागौन?
वन विभाग के मुताबिक इस बडे मामले मे आरोपी के द्वारा अपने घर और बड़ी में कहा कहां से सागौन का गोला लाया गया है इसकी विधिवत विभाग के द्वारा जांच की जा रही है वन विभाग ने इस मामले की जांच के लिए वन विकास निगम के अफसरों को भी लिया है।

इन अधिकारियों की रही अहम भूमिका
इन्हें मिली सफलता कार्यवाही में एसडीओ मनेंद्र कुमार सिरदार, वीरेन्द्र कुमार पटेल, वनपाल मनीराम पाल, वनपाल सुनील शर्मा, परिक्षेत्र अधिकारी वन विकास निगम देवेन्द्र चौबे, रविशंकर पारकर, वन रक्षक धरमलाल कोरटिया वन रक्षक तोरण ठाकुर, वन रक्षक रेखचंद भूआर्य, वनरक्षक धनेश्वरी साहू, वनरक्षक अनिल यादव की मेहनती भूमिका रही।

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