फूल, तितलियाँ और किताबें: शिक्षकों और रसोइयों ने सँवारी फुलवारी, सेम्हरबाधा स्कूल बना हरियाली की मिसाल

Semharbadha school
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सेम्हरबाधा स्कूल बना हरियाली की मिसाल


गर्मी की छुट्टियों में सेम्हरबाधा स्कूल शिक्षकों और ग्रामीणों की मेहनत से खूबसूरत फुलवारी में तब्दील हो गया।

एनिशपुरी गोस्वामी- मोहला। गर्मी की छुट्टियों में जब अधिकतर स्कूलों में सन्नाटा पसरा होता है, तब मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिले का सेम्हरबाधा प्राथमिक शाला एक नई मिसाल पेश कर रहा है। यहां स्कूल शिक्षक, रसोइया और सहायकों ने मिलकर स्कूल को एक खूबसूरत फुलवारी में तब्दील कर दिया है। इस पहल से स्कूल परिसर इन दिनों किसी जन्नत से कम नहीं लग रहा।

छुट्टियों में श्रम और प्रेम से संवरी फुलवारी

मानपुर विकासखंड के औधी तहसील के ग्राम सेम्हरबाधा स्थित इस सरकारी स्कूल में प्रधान पाठक गुलाब संडे के नेतृत्व में बागवानी का कार्य किया गया। शिक्षकों, रसोइयों, सहायकों, ग्रामीणों और स्कूली बच्चों ने मिलकर पेड़-पौधों की देखरेख, सफाई, रंग-रोगन और सजावट का जिम्मा उठाया। सभी ने छुट्टियों को रचनात्मक तरीके से बिताते हुए स्कूल को हराभरा, खुशबूदार और सुकूनदायक वातावरण में बदल दिया।

फूलों की रंगत, मेहनत की खुशबू
शिक्षकों और स्टाफ ने स्कूल परिसर में खुद श्रम कर पौधे लगाए, रंगाई-पुताई की और सुंदर बागवानी तैयार की। इस पहल ने यह साबित कर दिया कि जब इच्छा हो, तो सीमित संसाधनों में भी स्कूल को निखारा जा सकता है।

प्रेरणा बना यह प्रयास
यह प्रयास केवल सौंदर्यीकरण का नहीं, बल्कि पर्यावरण जागरूकता और स्वच्छता का संदेश भी दे रहा है। स्थानीय ग्रामीणों और अभिभावकों ने इस पहल की खुलकर सराहना की है। उनका मानना है कि इस तरह के प्रयास बच्चों को प्रकृति से जोड़ते हैं और एक सकारात्मक शैक्षिक वातावरण निर्मित करते हैं।

सेल्फी प्वाइंट बना आकर्षण का केंद्र
स्कूल के गार्डन में अब रंग-बिरंगे फूलों और तितलियों के बीच एक आकर्षक 'सेल्फी प्वाइंट' भी बनाया गया है, जो बच्चों के साथ-साथ गांव वालों के लिए भी खास बन गया है। यह स्कूल अब न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि एक प्रेरणादायक उदाहरण भी बन गया है कि कैसे सामूहिक प्रयासों से बदलाव लाया जा सकता है।

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