एसपी यशपाल सिंह की नियुक्ति विवादों में: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने UPSC और प्रदेश सरकार से मांगी रिपोर्ट

Mohla SP Yashpal Singh appointment
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एसपी यशपाल सिंह  

केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव और संघ लोक सेवा आयोग के सचिव को पत्र भेजा है। एसपी यशपाल सिंह प्रकरण की जांच और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के नवोदित जिले मोहला-मानपुर, अंबागढ़-चौकी जिले के वर्तमान एसपी यशपाल सिंह की नियुक्ति को लेकर शिकायत हुई थी। इस मामले में अब केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार और यूपीएससी से रिपोर्ट मांगी है। दरअसल साल 2019 में उन्हें बीएसएफ में कमांडेंट के पद पर रहते हुए IPS अवार्ड के लिए लिस्टिंग कर लिया गया था। उसी वक्त CGPSC और छत्तीसगढ़ पुलिस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता विवेक कुमार सिंह ने बीएसएफ से छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस सेवा में समायोजन और फिर आईपीएस पदोन्नत कर देने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय से शिकायत की थी।

अब इसी शिकयत पर संज्ञान लेते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव और संघ लोक सेवा आयोग के सचिव को पत्र भेजा है। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले में जांच और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

इस मामले को ऐसे समझिए
सामाजिक कार्यकर्ता विवेक कुमार सिंह ने शिकायत में कहा है कि, यशपाल सिंह पहले बीएसएफ में कमांडेंट थे। उन्हें नियमों को दरकिनार कर छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस सेवा में मर्ज कर लिया गया। इसके बाद उन्हें वर्ष 2019 में भारतीय पुलिस सेवा में पदोन्नति दे दी गई। साथ ही, उन्हें वरिष्ठता के आधार पर 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी के रूप में पदस्थ किया गया। आरोप यह भी है कि, उनके खिलाफ EOW में जांच भी लंबित थी। बावजूद इसके उन्हें आईपीएस अवॉर्ड दे दिया गया। शिकायतकर्ता ने कहा है कि, यह प्रक्रिया बिना पारदर्शिता के नियमों की अनदेखी करते हुए पूरी की गई है।

पुलिस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने जताई थी नाराजगी
गृह मंत्रालय से भेजे गए इस संबंधी पत्र में कहा गया है कि, जब इस नियुक्ति को लेकर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने आपत्ति जताई थी, छत्तीसगढ़ पुलिस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी नाराजगी जताई थी, इसके बावजूद न केवल यशपाल सिंह को आईपीएस अवॉर्ड क्यों दिया गया।

चार बिंदुओं पर जांच के दिए गए हैं निर्देश
गृह मंत्रालय ने मुख्य सचिव का ध्यान विशेष रूप से इन चार बिंदुओं पर देने को कहा है। पहला- बीएसएफ से राज्य पुलिस सेवा में समायोजन की वैधता जांची जाए। दूसरा- 2019 की आईपीएस चयन प्रक्रिया में उनका नाम शामिल करने की प्रक्रिया क्या सही थी। तीसरा- EOW की जांच लंबित रहने के बावजूद आईपीएस अवॉर्ड का औचित्य क्या था और चौथा-PSC और पुलिस आफिसर्स एसोसिएशन की आपत्तियों की अनदेखी क्यों की गई।

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