कुत्ते का जूठा भोजन बच्चों को खिलाया: हाईकोर्ट के निर्देश पर बच्चों को मिलेगा 25-25 हजार का मुआवजा

कुत्ते का झूठा भोजन खिलाने के मामला
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कुत्ते का झूठा भोजन खिलाने के मामले में हाईकोर्ट ने दिया प्रभावित बच्चों को मुआवजा देने का आदेश 

बलौदाबाजार जिले के ग्राम लक्षनपुर में कुत्ते का जूठा भोजन बच्चों को खिलाने के मामले में haribhoomi.com की पहल रंग लाई है। बच्चों को 25-25 हजार का मुआवजा मिलेगा।

कुश अग्रवाल-बलौदा बाजार। बलौदा बाजार जिले के ग्राम लक्षनपुर में मिड-डे मील के दौरान बच्चों को कुत्ते का जूठा किया हुआ भोजन परोसने की घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया था। अब इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग को कड़ी फटकार लगाई है और पीड़ित बच्चों को मुआवजा देने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए शासन ने प्रभावित बच्चों को 25-25 हजार रुपए मुआवजा राशि देने का निर्णय लिया है।

क्या हुआ था लक्षनपुर स्कूल में
यह मामला 19 जुलाई का है, जब लक्षनपुर स्कूल में मिड-डे मील तैयार करने वाली संस्था सब मोहन की लापरवाही के कारण करीब 80 से अधिक स्कूली बच्चों को दूषित भोजन परोसा गया। बताया जाता है कि यह भोजन पहले कुत्ते द्वारा झूठा किया गया था। भोजन करने के बाद बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया। मामले की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 78 बच्चों को एंटी रेबीज इंजेक्शन (Anti Rabies Vaccine) लगाया। इतनी बड़ी संख्या में बच्चों को एक साथ टीका लगाए जाने से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

मीडिया की भूमिका और न्यायालय की पहल
इस गंभीर लापरवाही की सबसे पहले haribhoomi.com की टीम ने मौके पर पहुंचकर पड़ताल की और इसकी रिपोर्ट प्रकाशित की। इसके बाद मामला राज्य स्तर पर गूंजा और अंततः हाईकोर्ट ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया। हाईकोर्ट ने मुख्य शिक्षा सचिव को तलब कर पूरी घटना पर नाराजगी जताई और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। साथ ही पीड़ित बच्चों को आर्थिक सहायता दिए जाने का आदेश भी दिया।

अब मिलेगा मुआवजा
हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए शासन ने प्रभावित बच्चों को 25-25 हजार रुपए मुआवजा राशि देने का निर्णय लिया है। इसकी पुष्टि जिला शिक्षा अधिकारी ने की। उन्होंने बताया— हाईकोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए शासन स्तर से सभी पीड़ित बच्चों को 25-25 हजार रुपए की मुआवजा राशि शीघ्र उपलब्ध कराई जाएगी।

मिड-डे मील की निगरानी और सुरक्षा पर खड़े हुए सवाल
लक्षनपुर मिड-डे मील प्रकरण ने एक बार फिर मिड-डे मील व्यवस्था की निगरानी और जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बच्चों को मुआवजा मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ है, लेकिन परिजनों और समाज की अपेक्षा है कि ऐसी लापरवाही दोबारा न हो, इसके लिए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

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