मंत्री राजेश अग्रवाल से विशेष चर्चा: बोले- खुदाई से रामगढ़ पर्वत को नुकसान नहीं होने देंगे, जांच भी होगी और कार्रवाई भी

मंत्री राजेश अग्रवाल से आईएनएच-हरिभूमि के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी की सार्थक चर्चा
रायपुर। अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल विष्णुदेव मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं। उन्होंने मंत्री बनने के बाद आईएनएच-हरिभूमि के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी से विशेष बातचीत में सवालों का खुलकर जवाब दिया कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में काम करने की सरगुजा क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और केंद्रीय नेतृत्व के भरोसे की वजह से वे मंत्री बने हैं। अडानी समूह से मेरा एक प्रतिशत संबंध नहीं है। रामगढ़ पर्वत के नजदीक खुदाई से रामगढ़ पर्वत को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होने देंगे। पेश हैं संवाद के प्रमुख अंशः-
मंत्रिमंडल में नाम आने पर आप कितने चौंके ?
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की विशेष कृपा रही। कई दिनों से मीडिया में नाम चल रहा था, इसलिए उम्मीद बंधी हुई थी। मुझे अंबिकापुर चुनाव में जीत की पूरी उम्मीद थी, लेकिन 94 वोट से जीता उससे ज्यादा चौंका। हमारी टिकट अंतिम समय में फायनल हुई। हमें समय भी कम मिला, उस बीच दीपावली का त्यौहार भी पड़ा। मेरी भाजपा में अधिक पहचान नहीं थी। उनका जो सर्वे रहा होगा उसके आधार पर अंतिम समय में मुझे टिकट मिला। अब लोग मुझे जानने लग गए हैं।
अंबिकापुर में टीएस सिंहदेव को आपने हराया वहां इतनी जमीन आपकी कैसे तैयार हो गई?
ऊपर वाले और अंबिकापुर की जनता का आर्शीवाद रहा। हम लोग बेसिक रूप से लखनपुर गांव में रहते हैं। हमारे पिताजी ने अपने जीवनकाल में क्षेत्र में सेवा के कई कार्य किए थे। उनके कार्य और संस्कार के चलते वहां पर हमारी पहचान रही। लोगों से लगातार संपर्क का लाभ हमें मिला। यहां पर जीत का कारण पिछली सरकार के खिलाफ आक्रोश का माहौल और भाजपा कार्यकर्ताओं ने जो पांच साल संघर्ष किया उसका भी असर चुनाव में पड़ा और हमें जीत मिली।
आप व्यापारी वर्ग से आते हैं, नेतागिरी में आपका आना कैसे हो गया ?
राजनीति का मुझे शुरू से शौक रहा। हमारी जहां खेती है वहां गांव में 2004-05 में सरपंच का चुनाव जीता। उसके बाद लखनपुर नगर पंचायत से 2009 में निर्दलीय चुनाव लड़ा चुनाव में 1 वोट से हार गया। 2014 में कांग्रेस की टिकट से फिर से लखनपुर नगर पंचायत का चुनाव लड़ा और प्रचंड बहुमत से जीता। पहले मैंने भाजपा से टिकट मांगा, लेकिन नहीं मिलने पर कांग्रेस से टिकट मिलने पर चुनाव लड़ा। सिंहदेव से मेरी पहचान बचपन से है। उनके साथ रहने और काम करने के कारण मैं कांग्रेसी ही माना जाता था। उनसे आज भी संबंध अच्छे हैं।
आपके तेवर हमेशा बागी क्यों रहते हैं ?
मेरी आदत अलग टाइप की है, मै किसी का दबाव बर्दाश्त नहीं करता। मोदी जी के जो काम थे, उनसे प्रभावित था। पहले अंबिकापुर क्षेत्र में सड़कों की स्थिति खराब थी। खाद का व्यापारी था, लोगों के लिए खाद पहुंचाने गांव-गांव ट्रेक्टर से घूमता था। अटल बिहारी बाजपेयी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम सड़क योजना से गांवों की सड़कें बनी उससे मैं काफी प्रभावित हुआ। मोदीजी के आने के बाद काफी काम हुए। पूरा देश उनसे प्रभावित रहा, तो मैं कैसे बचता।
मंत्री राजेश अग्रवाल से हरिभूमि और आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने 'सार्थक संवाद' में ख़ास बातचीत. @RajeshAgBJP #Chhattisgarh pic.twitter.com/xzyRFeihKt
— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) August 28, 2025
कैसे पहुंचे भाजपा में, आपकी एंट्री कैसे हुई?
हम लोग यहां सीधे रमन सिंह के यहां पहुंचे। पूर्व गृह मंत्री राम सेवक पैकरा के साथ आए थे। सीधे यहां आकर ज्वाइन किया। रमन सिंह ने मुझे गले लगा लिया। कांग्रेस छोड़ने के बाद बहुत लोगों ने मुझे कहा कि सिंहदेव के दरवाजे आपके लिए खुले हैं। वहां से पूर्व में भी हमने भाजपा से टिकट की मांग की थी। उस समय नए-नए थे। नाम चलाते रहते थे। 2018 के चुनाव एंटी इंकमबेंशी था, भाजपा को सत्ता में 15 साल भी हो गए थे। सरगुजा में सिंहदेव को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में देखा जा रहा था। उधर जांजगीर-चांपा से डॉ. महंत का भी नाम चल रहा था। वहीं भूपेश का नाम भी चल रहा था। सिंहदेव भी चाह रहे थे कि वे मुख्यमंत्री बन जाए। भूपेश के शपथ के बाद सब सामान्य था। उनकी उपस्थिति क्षेत्र में कम हो गई थी। चुनाव से पहले तक भूपेश बघेल से कभी मुलाकात नहीं हुई। चुनाव जीतने के बाद उनसे विधानसभा में मुलाकात होती रही है।
आपके मंत्री बनने के बाद सिंहदेव काफी सक्रिय हो गए हैं। रामगढ़ की पहाड़ी को लेकर अडानी समूह के खिलाफ उभारा जा रहा है। अडानी कोटे से राजेश अग्रवाल कितनी सच्चाई है?
अडानी समूह से मेरा एक भी प्रतिशत संबंध नहीं है। निश्चित तौर पर रामगढ़ की पहाड़ी ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है। मैं 50 सालों से हर नवरात्र में वहां जाता हूं। पिछले 37 सालों से वहां पर अष्टमी और नवमी को वहां भंडारा करता हूं। दो दिन कहीं आता जाता नहीं हूं। इतना मेरा श्रद्धा का स्थान है। आज मेरी जिम्मेदारी है। उस स्थान को बचाने की। वहां पर चल रही किसी भी गतिविधि से उस स्थान को नुकसान पहुंचता है तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, लेकिन जो माईस की मंजूरी हुई है। उस समय केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार थी। टीएस सिंहदेव यहां के विधायक थे। रामगढ़ पर्वत के नजदीक खुदाई प्रारंभ हुई। अब वो आगे बढ़ रहा है। इस बार बारिश अधिक हुई है। विभाग अब मेरे पास है, रामगढ़ पर्वत को किसी भी तरह को नुकसान नहीं होने देंगे। हम इसकी पूरी जांच कराएंगे।
विभाग के बंटवारे में सीएम ने आपको निपटाया या बनाया?
पर्यटन विभाग मुझे मिला है। सरगुजा क्षेत्र में पर्यटन की आपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री भी पर्यटन को आगे बढ़ाने में लगे हैं। पर्यटन विभाग का मिलना मेरे लिए एक अवसर है। इसके माध्यम से लोगों को रोजगार के अवसर बढ़ाने का मौका मिलेगा। इस क्षेत्र में काम का अवसर मिला है।
मंत्री बनने के बाद आज भी स्कूटी से जाते हैं ऐसा क्यों?
हमारा क्षेत्र लखनपुर भले ही नगर पंचायत है, लेकिन आज भी गांव है। वहां मंदिर में आज भी स्कूटी से ही जाता हूं। यहां पर भी शपथ के समय काली मंदिर अपनी ही गाड़ी से गया था। अपने पीएसओ को मैंने मना किया था कि वो मेरे साथ मंदिर न जाएं। यह मेरे स्वभाव में हैं। अपने क्षेत्र में मुझे स्कूटी से घूमना पसंद है।
क्या कुछ बदला, अब तक कार्यभार क्यों नहीं लिया। आगे की योजना क्या है?
अभी छुट्टियों का माहौल है, मुख्यमंत्री भी विदेश यात्रा पर हैं। उनके आने के बाद कार्यभार ग्रहण करूंगा। आगे विभाग के जरिए काम करने की योजना है। अभी तक कुछ नहीं बदला, लोगों की उम्मीद बढ़ी है। आगे जो दायित्व मिला है, उसे पूरा करना है। अंबिकापुर में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमारा क्षेत्र काफी पिछड़ा रहा। अब यहां पर मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हुआ, लेकिन पांच साल कोई काम नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने 109 करोड़ रुपए इसके लिए स्वीकृत कर दिया है। एक-दो साल में यह बनकर तैयार हो जाएगा। यहां पर अब काम पूरी तरह से होंगे। यहां पर पिछले पांच सालों में काम नहीं हुआ इसके कारण क्षेत्र विकास से दूर रहा।
आपके मंत्री बनने से आपका परिवार कैसा महसूस कर रहा है?
मेरा परिवार पूरी तरह से प्रसन्न है। हमारे परिवार के लिए यह गर्व की बात है कि इस मुकाम में पहुंचे हैं। मंत्री पद की शपथ लेने के बाद मेरी मां ने कहा कि मेरा बेटा बचपन से सेवा कर रहा है अब पूरे प्रदेश की सेवा करेगा।
