शराब घोटाले में ED का बड़ा एक्शन: सुकमा का कांग्रेस भवन, कवासी लखमा के बेटे का मकान अटैच

सुकमा जिला मुख्यालय कांग्रेस भवन
रायपुर। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला मामले में ED ने सुकमा जिला मुख्यालय में बने कांग्रेस भवन को अटैच कर दिया है। उल्लेखनीय है कि, जांच के दौरान एजेंसियों को यह पता चला था कि, सुकमा में कांग्रेस भवन का निर्माण शराब घोटाले के पैसे से हुआ था। इसके साथ ही तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा के बेटे हरीश कवासी का सुकमा में बना मकान भी अटैच कर लिया गया है। इसके साथ ही रायपुर में कवासी लखमा का मकान भी ईडी ने अटैच किया है। हरिभूमि डाट काम ने पहले ही यह संभावनाप जताई थी कि, सुकमा के कांग्रेस भवन पर ताला लग सकता है। बताया जा रहा है कि, देश में किसी राजनीतिक दल का यह पहला कार्यालय होगा, जिसे ईडी ने अटैच किया है।
शराब घोटाला मामले में ED ने सुकमा जिला मुख्यालय में बने कांग्रेस भवन को अटैच कर दिया. @Kawasilakhma#ChhattisgarhNews #CGNews @INCChhattisgarh@INCIndia @dir_ed @BJP4CGState @SukmaDist@vishnudsai @ChhattisgarhCMO @DeepakBaijINC @bhupeshbaghel pic.twitter.com/6Vb1nlY7O3
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ED की कार्रवाई के पीछे राजनीतिक षड्यंत्र- कांग्रेस
ED की कार्रवाई को कांग्रेस ने राजनीतिक षड्यंत्र बताते हुए कहा कि, कांग्रेस भवन निर्माण के आय के स्त्रोत का हिसाब दिया गया है। इसके बाद भी साजिश के तहत कार्यालय अटैच किया गया। कांग्रेस पार्टी के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा- मोदी सरकार के निर्देश पर आज कांग्रेस के जिला कार्यालय सुकमा को ईडी ने अटैच किया है। यह भारतीय जनता पार्टी के राजनैतिक षड्यंत्र का एक हिस्सा है। कांग्रेस पार्टी ने तो अपने जिला पार्टी भवन को बनाने के स्त्रोत के एक- एक पाई का हिसाब दे देगी। उन्होंने आगे कहा- कांग्रेस आज से नहीं बल्कि आजादी के पहले से कार्यकर्ताओं के सहयोग से कार्यालय बनाती रही है। इसका उदाहरण रायपुर कार्यालय है।
सुकमा कांग्रेस भवन को ED के अटैच करने के मामले में कांग्रेस ने इसे भाजपा की राजनीतिक षड्यंत्र बताया है। उन्होंने कहा - भवन निर्माण के आय के स्त्रोत का हिसाब दिया गया है. @Kawasilakhma @INCChhattisgarh @dir_ed @BJP4CGState @SukmaDist @vishnudsai @DeepakBaijINC @bhupeshbaghel pic.twitter.com/5ZWh9OizhL
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ईडी पर कांग्रेस ने लगाया आरोप
कांग्रेस ने कहा- विपक्ष में रहते हुए हमने आलिशान कार्यालयों का निर्माण किया। क्या ईडी में साहस है की वह भाजपा के बनाये गए कार्यालयों का अपडेट लेगी। 150 करोड़ की लगत से कुशाभाऊ ठाकरे परिसर और आरएसएस मुख्यालय का हिसाब लेगी। उन्होंने आगे कहा की - क्या ईडी सिर्फ विपक्ष हो ही बदनाम करने की साजिशे रचते जाएगी।
सुकमा के कांग्रेस भवन को ED द्वारा अटैच कर लिए जाने पर पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा है कि, ED का कांग्रेस भवन अटैच करना BJP की साजिश है। @Kawasilakhma @INCChhattisgarh @dir_ed @BJP4CGState@SukmaDist @vishnudsai @DeepakBaijINC @bhupeshbaghel @_vikasupadhyay pic.twitter.com/Ntjod20FJm
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कांग्रेस को बदनाम करने की साजिश
सुकमा के कांग्रेस भवन को ED द्वारा अटैच कर लिए जाने पर पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा है कि, ED का कांग्रेस भवन अटैच करना BJP की साजिश है। कांग्रेस को बदनाम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। ED, IT, CBI द्वारा विपक्ष को परेशान किया जा रहा है। BJP में शामिल होने के बाद नेता पाक साफ हो जाते हैं। BJP से लड़ने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाती है।
सुकमा के कांग्रेस भवन को ED द्वारा अटैच कर लिए जाने पर भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा है कि, कांग्रेस सरकार के दौर में घोटाले पर घोटाले होते रहे. @Kawasilakhma @INCChhattisgarh @dir_ed @BJP4CGState @SukmaDist @vishnudsai pic.twitter.com/eCs7XVbYUq
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कांग्रेस शासन में घोटाले ही घोटाले : केदार गुप्ता
सुकमा के कांग्रेस भवन को ED द्वारा अटैच कर लिए जाने पर भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा है कि, कांग्रेस सरकार के दौर में घोटाले पर घोटाले होते रहे। घोटाले के पैसों से कांग्रेस कार्यालय बनाया गया। अब एजेंसियां अपना काम कर रही हैं।
20 मई को ईओडब्ल्यू ने दी थी दबिश
वहीं बीते 20 मई को ईओडब्ल्यू और एसीबी ने दबिश दी थी। प्रदेश के कई शहरों में मंगलवार की सुबह EOW और ACB ने दबिश दी। छापे के बाद एजेंसी ने मामले की जानकारी दी। छापे के बाद एजेंसी ने बताया था कि, भारतीय दंड संहिता के तहत आबकारी घोटाले की विवेचना जारी है। विवेचना के दौरान यह तथ्य उजागर हुआ कि प्रकरण के प्रमुख संदेही द्वारा अपराध से अर्जित अवैध धनराशि को विभिन्न व्यक्तियों के माध्यम से अलग-अलग व्यवसायों एवं संपत्तियों में बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है।
ED का दावा- लखमा को हर महीने दो करोड़ मिलते थे
उल्लेखनीय है कि, शराब घोटाले में ED ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ 3773 पन्नों का चालान पेश किया है। चालान में कहा गया है कि, पूर्व आबकारी मंत्री लखमा को इस घोटाले की पूरी जानकारी थी। उन्हें हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। साथ ही कहा गया है कि, शराब घोटाले में वे सिंडिकेट के प्रमुख थे और उनसे सिंडिकेट को पूरा सहयोग प्राप्त था। शराब नीति में बदलाव करने में भी लखमा की बड़ी भूमिका थी। इसके अलावा चालान में शराब दुकानों में निरीक्षण के लिए जाने से पहले आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लेने का भी जिक्र है।