कोरबा में बेलगाम दौड़ रहे वाहन: ट्रैक्टर से कुचलकर चाचा-भतीजे की मौत, लोगों ने किया चक्काजाम

Crowd gathered after the accident
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हादसे के बाद लगी लोगों की भीड़ 

कोरबा जिले में ट्रैक्टर की चपेट में आने से चाचा-भतीजे की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद लोगों ने चक्का जाम किया।

उमेश यादव - कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में सड़क हादसों का ग्राफ काम नहीं हो पा रहा है। ओवर स्पीडिंग के साथ-साथ ड्रंक एन ड्राइव और ट्रैफिक रूल्स की अपेक्षा करना इस प्रकार के दुर्घटनाओं के लिए सबसे अहम कारण माने जा रहे हैं। पिछली रात हुई सड़क दुर्घटना में दो जिंदगियां समाप्त हो गई।

आक्रोशित लोगों ने कई घंटे चक्का जाम करने के बाद प्रशासन सख्त हुआ। अब कोरबा चंपा मार्ग पर ऊरगा इलाके में 12 घंटे के लिए नो एंट्री लागू कर दी। सुबह 10 बजे से रात्रि 10 बजे तक भारी वाहनों का परिचालन इस रास्ते पर बंद रहेगा।

ट्रैक्टर की चपेट में आए चाचा भतीजे
ट्रैक्टर चालक की लापरवाही से इस घटना में 30 वर्षीय अयोध्या पटेल पिता अमृतलाल पटेल और 40 वर्षीय पुरुषोत्तम पटेल पिता मनउ पटेल की मौके पर मौत हो गई। बरीडीह निवासी यह दोनों रिश्ते में चाचा भतीजे थे। उरगा से बाइक पर अपने घर जाने के दौरान ट्रैक्टर ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। जिससे दोनों की मौत हो गई। उरगा पुलिस ने इस मामले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा में मर्ग कायम किया। जबकि चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला रजिस्टर किया गया है।

स्थानीय लोगों ने किया चक्का जाम
इस घटनाक्रम को लेकर कई घंटे स्थानीय लोगों ने चक्का जाम कर दिया। इस प्रदर्शन के चलते मुख्य मार्ग पर काफी समय तक छोटी बड़ी गाड़ियों का आवागमन बंद रहा और लोग परेशान हुए। बाद में प्रशासन और पुलिस अधिकारियों के द्वारा समझाइश देने पर लोगों ने प्रदर्शन समाप्त किया। उन लोगों को राहत दी जो जान के कारण दोनों दिशाओं में या तो फस गए या फिर उन्हें वैकल्पिक रास्ता का उपयोग करना पड़ा।

मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए का मुआवजा
सड़क हादसों की वजह से आम लोगों के जीवन पर मंडरा रहे खतरे ने प्रशासन और पुलिस को चिंता में डाल दिया। ऐसी घटनाओं के कारण लॉ एन्ड ऑर्डर की स्थिति उत्पन्न हो रही है। बताया गया कि, पिछली रात हुई घटना को लेकर प्रशासन ने संबंधित क्षेत्र में भारी वाहनों के परिचालन को 12 घंटे तक के लिए नो एंट्री जोन घोषित कर दिया है। इस प्रकरण में मृत्यु को प्राप्त हुए दोनों व्यक्तियों के परिजन को पांच-पांच लाख रुपए का मुआवजा और एक हसरत को प्राइवेट रोजगार दिए जाने पर सहमति हुई।

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