नलवा माईंस जनसुनवाई के विरोध में उबाल: ग्रामीणों ने दी आत्मदाह की चेतावनी, क्षेत्र में तनावपूर्ण हालात

Villagers demonstrating
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प्रदर्शन करते हुए ग्रामीण

खरोरा के में नलवा माईंस जनसुनवाई का ग्रामीणों ने विरोध किया है। पानी की समस्या, धार्मिक भावनाओं और पूर्वजों की अस्थियों के मुद्दे पर नाराजगी जताई है।

भरत कुंभकार- खरोरा। छत्तीसगढ़ के खरोरा में प्रस्तावित नलवा माईंस खदान को लेकर 25 जुलाई को जनसुनवाई आयोजित होने वाली थी। जहां पहले ही क्षेत्र में भारी विरोध और तनाव का माहौल बन गया है। ग्रामीणों ने इस जनसुनवाई को हर हाल में रोकने का ऐलान करते हुए सामूहिक आत्मदाह तक की चेतावनी दे दी है। यह पूरा मामला खरोरा के समीप स्थित ग्राम मोतिमपुर खुर्द का है।

तो ये है जनता के आक्रोश का कारण
ग्रामीणों का कहना है कि, खदान की खुदाई से क्षेत्र की जलस्रोत व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा, वहीं खुदाई के दौरान उनके पूर्वजों की अस्थियाँ निकलने से धार्मिक और सांस्कृतिक भावनाओं ठेस पहुंचाया गया है। इसके अलावा, पहले से ही पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहे इस इलाके में खान का खुलना स्थिति को और बदतर बना देगा।

जनप्रतिनिधि भी ग्रामीणों के साथ
जनसुनवाई के विरोध में क्षेत्र के कद्दावर नेता भी ग्रामीणों के समर्थन में उतर आए हैं। पूर्व जनपद अध्यक्ष वेदराम मनहरे और तिल्दा जनपद अध्यक्ष टीकेश्वर मनहरे ने ग्रामीणों के साथ विरोध स्थल पर पहुंचकर समर्थन जताया। पचरी सरपंच अभिषेक वर्मा पहले ही आत्मदाह की चेतावनी दे चुके हैं। छड़िया ग्राम पंचायत के प्रतिनिधि उपेन्द्र देवांगन ने भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

ग्रामीणों ने टेंट लगाने से रोका
ग्रामीणों की चेतावनी के चलते जनसुनवाई स्थल पर टेंट-पंडाल लगाने से रोक दिया गया है। भारी संख्या में ग्रामीण मोर्चा संभाले हुए हैं, जिससे प्रशासन के लिए जनसुनवाई कराना एक बड़ी चुनौती बन गया है। पूरे क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है।

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