सड़क किनारे फ्लाइऐश डंप: रोड पर बिछ गई सफेद धूल, राहगीर परेशान, स्वास्थ्य पर बुरा असर

रोड पर बिछ गई सफेद धूल, राहगीर परेशान, स्वास्थ्य पर बुरा असर
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सड़क किनारे डंप किया जा रहा फ्लाइऐश 

खरोरा में फ्लाइऐश सड़क किनारे और ग्रामीण इलाकों में डंप करने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगी हैं।

सूरज सोनी-खरोरा। छत्तीसगढ़ के खरोरा क्षेत्र में विकास की आड़ में अब जहर फैलाया जा रहा है। चिचोली से आरंग तक के मार्ग पर भारी मात्रा में फ्लाइऐश सड़क किनारे और ग्रामीण इलाकों में डंप किया जा रहा है, जिससे स्थानीय जनजीवन प्रभावित हो रहा है। पहले जहां सड़क किनारे ग्रामीणों की जमीन में फ्लाइऐश फेंका जा रहा था वहीं अब डामर रोड पर ही फ्लाइऐश बिना अनुमति के डाला जा रहा है।

हैरानी की बात है कि, संबंधित विभागों के जिम्मेदार अधिकारी इस गंभीर स्थिति से पूरी तरह बेखबर हैं या फिर आंखें मूंदे हुए हैं। इस मार्ग पर सुबह से रात तक उड़ती राख और धूल लोगों की सांसों में जहर घोल रही है। फ्लाइऐश, जो कोयला जलने के बाद उत्पन्न होने वाला महीन पाउडर है अब सड़क और जलस्रोत दोनों को प्रदूषित कर रहा है। इससे भूजल भी दूषित हो रहा है, जिससे आस-पास के गांव जैसे घीवरा, माठ, बंगोली, कोटा और मुरा के लोग प्रभावित हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अब सड़कें ही नहीं, उनका जीवन भी फ्लाइऐश से पट गया है।

वायु प्रदूषण से हो रही बिमारियां
सांस की बीमारियां, त्वचा की समस्याएं और आंखों में जलन आम हो गई हैं। लगातार उड़ती राख दुर्घटनाओं को भी न्योता दे रही है। तिल्दा-खरोरा मार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही और सड़क किनारे फ्लाइऐश के ढेरों ने हालात बदतर बना दिए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि संबंधित अधिकारी या तो मूक दर्शक बने हैं या इस गोरखधंधे में हिस्सेदार। पर्यावरण अधिकारी आर. के. शर्मा से पूछने पर उन्होंने लिखित शिकायत की सलाह दी जबकि क्षेत्रीय अधिकारी प्रकाश आर. रवाडे ने पिछले 15 दिनों में फोन तक नहीं उठाया। अब देखना यह है कि भीषण गर्मी में जिम्मेदार अधिकारी अपने एसी कमरों से बाहर निकलकर कब कार्रवाई करते हैं या फिर खरोरा की हवा और पानी यूं ही जहरीले होते रहेंगे।

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