खरोरा में खेल: मशरूम की खेती के नाम पर 52 मजदूरों को किसने बना रखा था बंधक, क्या छुपा रहा प्रशासन

खरोरा में खेल : मशरूम की खेती के नाम पर 52 मजदूरों को किसने बना रखा था बंधक, क्या छुपा रहा प्रशासन
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मशरूम की खेती के नाम पर 52 मजदूरों को किसने बना रखा था बंधक,

रायपुर जिले के खरोरा में 52 से अधिक लोगों को 6 महीने तक बंधक बनाकर रखने और उनसे मजदूरी कराने का एक गंभीर मामला सामने आया है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के खरोरा में 52 से अधिक लोगों को 6 महीने तक बंधक बनाकर रखने और उनसे मजदूरी कराने का एक गंभीर मामला सामने आया है। बताया गया है कि इन लोगों को बंधक बनाकर मशरूम उगाने के काम में लगाया गया था। इस मामले की सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन, पुलिस व बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने वाले संगठन के लोग मौके पर पहुंचे और वहां से बंधकों की रिहाई करवाई गई। इन लोगों को रायपुर के इंडोर स्टेडियम में लाकर रखा गया है। वहां इनके स्वास्थ्य की जांच की जा रही है

बताया गया है कि, इस मामले की प्रारंभिक सूचना इस रूप में जिला प्रशासन रायपुर को मिली थी कि खरोरा गांव में एक स्थान पर बच्चों को बंधक बनाकर उन्हें मशरूम उत्पादन संबंधी काम में लगाया गया है। ये लोग करीब 6 महीने से बंधक थे। इस सूचना पर जिला प्रशासन के अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग में बच्चों से संबंधित कामकाज देखने वाली एक कमेटी और बच्चों के हितों की रक्षा में काम करने वाले एक स्वयंसेवी संगठन को सूचना देकर बुलवाया गया। इस दल ने खरोरा जाकर जांच पड़ताल की। इस दौरान वहां करीब 50-52 लोग मिले। इनमें महिलाएं, पुरुष और कुछ बच्चे भी शामिल हैं। इनमें महिला, पुरुष, बच्चों की संख्या भी स्पष्ट नहीं हो पाई है। इन्हें कब से बंधक बनाकर रखा गया था, ये भी साफ नहीं है। 6 महीने से रखे जाने की बात अधिकृत रूप से नहीं कही गई है। बंधकों से पूछताछ के बाद सारी स्थिति स्पष्ट होने संभावना है।


श्रमिक यूपी या बिहार के ?
सूत्रों के अनुसार, इन लोगों को खरोरा से छुड़ाकर रायपुर के इंडोर स्टेडियम में लाया गया है। प्रशासन की देखरेख में छुड़ाए गए बंधकों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा रहा है। बताया गया है कि बंधकों में एक 12 दिन का बच्चा भी है। इन लोगों की बोली-भाषा और हुलिया से लग रहा है कि ये लोग यूपी या बिहार राज्य के हो सकते हैं।

सब कुछ छिपाने की कोशिश
इस मामले से जुड़ी एक खास बात ये है कि इस पूरे घटनाक्रम पर पर्दा डालने की भरपूर कोशिश की जा रही है। मामले की जानकारी मिलने पर हरिभूमि के छायाकार भी वहां पंहुचे थे। पहले तो उन्हें प्रवेश करने से रोकने की कोशिश की गई। किसी तरह प्रवेश करने के बाद जब तस्वीरे ली गई, तो इसका भी विरोध हुआ। एक अनजान व्यक्ति ने छायाकार पर फोटो डिलीट करने के लिए दवाब भी डाला और समाचार पत्र में समाचार प्रकाशित न होने देने की चेतावनी भी दी।

हालात चिंताजनक
इस मामले में छत्तीसगढ़ बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष वर्णिका शर्मा ने हरिभूमि से चर्चा में कहा है कि वे खुद वहां गई थीं। बंधक लोगों की स्थिति अच्छी नहीं थी। उन्हें बंधक बनाकर काम लिया जा रहा था। इस तरह काम करवाना किसी भी हाल में उचित नहीं है। वहां बड़े लोगों के साथ बच्चे भी शामिल थे। इनकी संख्या 50 के आसपास होगी। अब आयोग इस पूरे मामले की जांच करवाएगा। मौके पर उनसे ज्यादा पूछताछ करने की स्थिति नहीं थी, लेकिन ये मामला चिंताजनक है।

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