साइबर ठगी का जाल: 18 बैंक खाते खोलकर ठगों को देता था किराए पर, आरोपी गिरफ्तार

Kawardha police has arrested a youth who opened 18 bank accounts
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कवर्धा पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है जो, 18 बैंक खाते खोलकर साइबर ठगों को किराए पर देता था


कवर्धा पुलिस ने एक युवक को गिरफ्तार किया है जो, 18 बैंक खाते खोलकर साइबर ठगों को किराए पर देता था, जिससे डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक की ठगी हुई।

कवर्धा- संजय यादव। छत्तीसगढ़ में साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच कवर्धा पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने एक ऐसे युवक को गिरफ्तार किया है, जो खुद के नाम पर 16 और अपने माता-पिता के नाम पर 2 बैंक खाते खोलकर साइबर ठगों को किराए पर देता था। इन खातों का उपयोग ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए किया जाता था।


आरोपी की पहचान और कार्यप्रणाली

पुलिस के अनुसार, आरोपी की पहचान मोहन जायसवाल, निवासी पोड़ी चौकी, सुरजपुरा के रूप में हुई है। मोहन सोशल मीडिया के जरिए ठग गिरोह के संपर्क में आया और एक सुनियोजित तरीके से बैंक खाते खोलकर उन्हें किराए पर देने लगा। खातों में आने वाले धोखाधड़ी के पैसों को वह 10% कमीशन काटकर आगे ट्रांसफर करता था। आरोपी मोहन जायसवाल के खिलाफ देश के 8 अलग-अलग राज्यों में ठगी का मामला दर्ज है।

डेढ़ करोड़ से अधिक का ट्रांजैक्शन

पुलिस जांच में सामने आया है कि इन खातों से अब तक करीब 1.5 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ है। पुलिस ने आरोपी के पास से विभिन्न बैंकों की पासबुक, चेकबुक और अन्य दस्तावेज भी जब्त किए हैं।

एसपी ने किया खुलासा
एसपी धर्मेंद्र सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मामले का खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी को न्यायिक रिमांड में भेज दिया गया है। उन्होंने जनता से अपील की कि किसी भी अजनबी के कहने पर अपना बैंक खाता या निजी दस्तावेज साझा न करें और साइबर अपराध के प्रति सतर्क रहें। उन्होंने कहा यह गिरफ्तारी साइबर ठगी के बड़े नेटवर्क तक पहुंचने में मददगार साबित हो सकती है।

बैंकिंग व्यवस्था पर उठे सवाल
पुलिस ने यह भी सवाल उठाया है कि एक ही व्यक्ति के नाम पर एक ही बैंक में चार खाते कैसे खोले जा सकते हैं, यह बैंकिंग व्यवस्था की कार्यप्रणाली पर भी संदेह पैदा करता है। इस दिशा में भी जांच की जा रही है।

आरोपी ने बताए अन्य नाम
पूछताछ के दौरान आरोपी मोहन जायसवाल ने कुछ और लोगों के नाम बताए हैं, जिनकी तलाश में पुलिस टीमें लगी हुई हैं। इससे साइबर ठगों के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश होने की उम्मीद है। आरोपी सोशल मीडिया के ज़रिए ठगों के संपर्क में आया था और खातों से पैसे निकालकर कमीशन लेता था।

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