गांवों में दंतैल हाथी का विचरण: मध्यप्रदेश की सीमा पार कर पहुंचा पंडरिया जंगल, वन विभाग अलर्ट

विचरण करता हुआ दंतैल हाथी
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विचरण करता हुआ दंतैल हाथी

कवर्धा जिले में अचानकमार जंगल से आया दंतैल हाथी विचरण कर रहा है। वन विभाग ने ग्रामीणों को सतर्क रहने और हाथी दिखने पर शोर न करने की सलाह दी है।

संजय यादव - कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में दंतैल हाथी के विचरण की खबर सामने आई है। जहां अचानकमार जंगल से निकलकर एक दंतैल हाथी पिछले तीन-चार दिनों से मध्यप्रदेश की सीमा पार कर चुका है। अब पंडरिया वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहा है।

वन विभाग के एसडीओ सुयश धर दिवान के मुताबिक, अब तक इस हाथी से किसी तरह की जान-माल की क्षति नहीं हुई है। विभाग लगातार ग्रामीणों से अपील कर रहा है कि, अकेले बाहर न निकलें और हाथी दिखाई देने पर शोर या हूटिंग न करें। फिलहाल, यह हाथी टेढ़ा पानी और डेंगुरजाम क्षेत्र में देखा गया है।

सरगुजा में 30 हाथियों का आतंक
वहीं जिले में लुण्ड्रा इलाके में 30 हाथियों का दल सक्रिय है जो, अलग अलग परिक्षेत्र में रहने से आम जनता में दहशत का माहौल है। जहां वन अमला हाथियों पर निगरानी बनाए रखने के साथ ही ग्रामीणों को भी सजग कर रहा है।

ग्रामीणों में दहशत का माहौल
जानकारी के मुताबिक, सरगुजा में लगातार रिहायशी क्षेत्रों में हाथियों द्वारा विचरण किया जा रहा है। जहां गुरुवार को राष्टीय राजमार्ग 43 पर जाम की स्थिति निर्मित हो गई थी। तो वहीं शुक्रवार को सिलसिला के जंगल में 2 हाथियों ने डेरा जमाया था। अब असकला के टांनागढ़ जंगल पहुंच गए है। जहां गढ़चिरौली से 1 हाथी और पहुंच गया है। जिससे 3 हाथियों का दल अब टानागढ़ जंगल में है।

लगातार हाथी कर रहे विचरण
वहीं 27 हाथियों का दल चंगोरी जंगल में डेरा जमाए हुए है। जिससे ग्रामीणजनों को डर के साय में रात गुजारने मजबूर है। सरगुजा में लगातार हाथियों का रिहायशी इलाकों में विचरण से वन विभाग मुस्तैद है। वन विभाग राहत सामग्री के साथ क्षेत्र में हुए नुकसान का मुआवजा देने आकलन में जुटा हुआ है। साथ ही जान माल से बचने लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।

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